नन्तराम नेगी मुगल सेना को धूल चटाने वाला अप्रतिम वीर, साहसी, देशभक्त और राजभक्त। देहरादून के सुदूर-पश्चिम में स्थित जौनसार- भाभर एक जनजातीय क्षेत्र है। नन्तराम नेगी - जीवनी | उत्तराखंड के वीर पुर...
नीलू कठैत (1431-1476) - कयरोली, चम्पावत, जिला चम्पावत। अपूर्व शौर्यवान, राजभक्त, देशप्रेमी, कुमाऊँ नरेश ज्ञानचन्द के सेनापति। नीलू कठायत | नीलू कठैत - जीवनी | इतिहास | चम्पावत | Neelu Kathayat | ...
नौलाखिया पाण्डे नाम लोक गायक सकराम पाण्डे और इतिहासकार मधुसूदन पाण्डे बताते हैं। लोक गाथाओं के अनुसार मधुसूदन पाण्डे ने पाटिया गाँव में नौ लाख रुपयों की लागत से एक विशाल भवन बनवाया था। नौलखिया पा...
समेर अधिकारी चन्द राजवंश कालीन अनदेखा राजभक्त, जिसने घोर विपत्ति के समय राजा कल्याणचन्द और उसके पुत्र दीपचन्द का एतिहासिक मदद कर उनका जान बचाई। | Samer Adhikari
भानु धमादा (जीवनकाल सत्रहवीं शताब्दी का उत्तरार्द्ध) गढ़वाल के राजा मेदिनी शाह के राज्य काल की एक अनोखी घटना से है भानु धमादा | उत्तराखंड के ऐतिहासिक पुरुष | Bhanu Dhamada | Historical Men of Utt...
दोनों पुत्र भ्यूँराज और सुरता अपने-अपने घोड़े तैयार कर युद्धस्थल को प्रस्थान कर गए। सोलह सौ सिपाहियों का गोलीदार (नायक) बांका भ्यूँराज उत्साह से भरा था। भ्यूँराज सुरता | उत्तराखंड के ऐतिहासिक पुर...
गंगू रमोला के जीवनकाल और इतिहास प्रसिद्धि के सम्बन्ध में कई लोकगाथाए प्रचलित हैं। कुछ लोग गंगू रमोला को महाभारत के युग पुरुष भगवान श्रीकृष्ण का समकालीन मानते हैं। गंगू रमोला - जीवनी | इतिहास | कथ...
गोरिल को न्याय का देवता कहा गया है। नदी में बहाए जाने के कारण इसका नाम गोरिया यो गोरिल्ल भी कहा गया है। गुलेल का निशानेबाज होने के कारण इसे ग्वल (ग्वेल) कहते हैं। गोरिया या गोरिल्ल या ग्वेल या गो...
अनूपसिंह तड़ागी - कुमाऊँ का यशस्वी वीर जिसने अपने अपूर्व शौर्य, पराक्रम व नेतृत्व क्षमता से मातृभूमि की रक्षा की और युद्ध में रूहेलों के दांत खट्टे किए। अनूपसिंह तड़ागी - जीवनी | ऐतिहासिक पुरुष |...
शिवराम सकलानी सकलाना, टिहरी गढ़वाल। अपने समय के गढ़वाल की राजनीति के चाणक्य और इतिहास पुरुष। टिहरी रियासत के प्रभावशाली जागीरदार शिवराम सकलानी - गढ़वाल की राजनीति के चाणक्य | Shivram Saklani - C...
प्रसिद्ध इतिहास पुरुष शिवदेव जोशी अपूर्व शौर्य, साहस, बुद्धि, कूटनीति और अनन्य राजभक्ति के असाधारण उदाहरण रहे। वयोवृद्ध इतिहासकार श्री नित्यानन्द मिश्र जी ने इन्हें कर्माचल का शिवाजी कह कर सम्बोध...
लोहना ग्राम, जिला अल्मोड़ा। असाधारण विद्वान, तपस्वी, सिद्धसाधक। मंत्रशक्ति से लोहा भष्म कर देने के कारण इन्हें 'लौहहोत्री' या 'लौहहोमी' नाम से सम्बोधित किया जाने लगा। श्री बल्...
सोलह शताब्दी के अंतिम वर्षों में संभवत: 1585 या 1595 में माधो सिंह भंडारी का जन्म श्रीनगर के पास कीर्तिनगर देवप्रयाग मार्ग में मलेथा नामक गांव में कालो भंडारी नामक एक वीर योद्धा के घर हुआ था। Mad...
कफ्फू चौहान उप्पूगढ़ का इतिहास प्रसिद्ध गढ़पतिआन-बान का धनी, स्वाभिमानी, मातृभूमि के रक्षार्थ प्राणोत्सर्ग कर देने वाला अकेला वीर पुरुष Kaffu Chauhan | Biography | Uttarakhand Historical Men | कफ...
महारानी कर्णावती ने देहरादून गाँव बसाया था। इसके अतिरिक्त राजपुर और देहरादून के मध्य जल श्रोत निकलवा कर सिंचाई की सुविधा मुहैय्या करवाई। Rani Karnavati of Garhwal | Biography | Nak Kati Rani | Ut...
कालो भण्डारी - अपने समय के भड़ और इतिहास प्रसिद्ध सेनापति तथा मलेथा की गूल के शिल्पी माधो सिंह के भण्डारी के पिता। Kalo Bhandari - Father of Madho Singh Bhandari | Biography | कालो भण्डारी - माधो...
गढ़वाल नरेश प्रीतम शाह के राज्यकाल में रणू रौत (रावत) अनोखा वीर पुरुष हुआ था। रणू रौत कुलावली कोट का रहने वाला था। हिवा रौत और भिवा रौत का पुत्र रणू रोत था।रणू रौत (रावत) | गढ़वाल का भूत देवता | ...
अपूर्व शौर्य, संकल्प और साहस की धनी वीरांगना, जिसे गढ़वाल के इतिहास में 'झांसी की रानी' कहकर याद किया जाता है। 15 से 22 वर्ष की आयु के मध्य सात युद्ध लड़ने वाली तीलू रौतेली, सम्भवतः विश...
गढ़वाल के वीर भड़ों में हिंडवाण जाति के वीर 15वीं-16वीं शताब्दी में गढ़वाल राज्य के रक्षक के रूप में इतिहास प्रसिद्ध हुए हैं। हंसा हिंडवाण - गढ़वाल राज्य के रक्षक | उत्तराखंड | Hansa Hindavaan -...
चतुर किन्तु कुटिल राजनीतिज्ञ, वीर, साहसी, दूरदर्शी, महत्वाकांक्षी, नृपति निर्माता, कूटनीतिज्ञ हरक देव (हर्षदेव) जोशी अपने युग के कुमाऊँ की राजनीति के "अर्ल आफ वारविक" कहे गए हैं Harsh dev Joshi o...
अंग्रेज जब सिटौली के रास्ते शहर में प्रवेश कर रहे थे तो सैयद हुसैन अली शाह बाबा ने फिरंगियों के नापाक कदमों से शहर की पाक सरजमीं की हिफाजल के लिए उनके दाखिले का विरोध किया। हुसैन अली शाह - धार की...
तत्कालीन टिहरी रियासत के एक ख्यात पुरुष, निर्भीक और बड़ी आन-बान वाले राजपूत। ब्रिटिश सरकार द्वार 'रायबहादुर' की पदवी से सम्मानित होने वाले पहले गढ़वाली लछमू कठैत - घनसाली, टिहरी गढ़वाल ...
गाँव सुमाड़ी, पट्टी कटुलस्यू गढ़वाल इतिहास प्रसिद्ध आत्म बलिदानी। गढ़वाल में पन्थ्या दादा के सम्बन्ध में एक अनुश्रुति इस प्रकार प्रसिद्ध है पन्थ्या काला - गाँव सुमाड़ी | जीवनी | इतिहास | Panthya ...
मध्यकालीन गढ़वाल की राजनीति क सफल कूटनीतिज्ञ, कुशल राजनीतिज्ञ और निपुण सेनानायक के अतिरिक्त पुरिया नैथानी ऐसे उच्च शिक्षाविद् थे, जिन्हें उर्दू, फारसी, संस्कृत, अरबी भाषाओं का भी ज्ञान था। पूर्णम...
अद्भुत क्षमतावान, कुशाग्र बुद्धि, उदार चरित्र, धैर्य, उत्साह, लगन और कर्मठता का महान धनी पुरुष पुरखू पन्त (पुरुषोत्तम पन्त) को कुमाऊँ के इतिहास में राबर्ट ब्रूश कहा जाता है। पुरुषोत्तम पन्त - रु...
'गढ़वाल का इतिहास' के लेखक पण्डित हरिकृष्ण रतूड़ी के अनुसार जयानन्द- विजयानन्द जी सम्वत् 972 विक्रमी अर्थात ई.सन् 915 में धार से (सम्भवतः) गढ़वाल के चान्दपुर ताल्लुक के गैरोली गांव आकर ...
जसुली दताल का जन्म दांतू गाँव, तहसील धारचूला, परगना दारमा, जिला पिथौरागढ में हुआ था। अपने समय की अनोखी दानी और धनी महिला। Jasuli Shaukyani | Jasuli Datal Story | Jasuli Lala | जसुली शौक्याणी | जस...
उत्तराखण्ड के इतिहास में जियारानी को परम सम्मान मिला है। कत्यूरी राजवंश के अवसान के दौर में आम जनता के हितों एवं मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए महारानी जिया की जीवटता जग-जाहिर है। जिया रानी | प्य...
जीतू के जीवनकाल और उससे जुड़ी अन्य घटनाओं के सम्बन्ध में कई दन्तकथाएं प्रचलित हैं। यह निर्विवाद सत्य है कि वह अपने समय का अकेला वीर पुरुष, सुन्दर, प्रकृति प्रेमी, गीतों का रसिया और बाँसुरी वादक थ...
सन् 1665 के लगभग पण्डित ज्ञानानन्द अपने कुछ मित्रों-परिचितों के साथ कन्नौज से हिमालय के इस क्षेत्र में पहुंचे। यहां पहुंचने का उनका उद्देश्य बद्रीनारायण की यात्रा हो सकता है। ज्ञानानन्द बधाणी - ब...
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
शहीद श्री देव सुमन का टिहरी रियासत के बमुण्ड पट्टी क...
21 मार्च 2022 को श्री पुष्कर सिंह धामी जी को सर्वसम्...
उत्तराखंड के लोकगायक एवं उत्तराखंड के गांधी के नाम स...
शेखर जोशी जी का जन्म अल्मोड़ा के ओलिया गांव, तहसील सो...
उत्तराखंड से आकर बॉलीवुड की सिनेमा नगरी में अपनी अवा...
बछेन्द्री पाल माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारती...
ब्रिटिश कमिश्नरी में कमिश्नर सबसे शक्तिशाली प्रशासनि...
अनुराधा निराला जी तब से उत्तराखंड की सुरीली आवाज से ...
पवेंद्र सिंह कार्की का नाम उत्तराखंड के महान लोकगायक...
बिच्छू घास दुनिया के अधिकतर देशों में पाये जाने वाली...
किंवदंती है कि अज्ञातवास के दौरान पांडवों का पीछा कर...
देवकी नंदन पांडे चार दशकों तक आल इण्डिया रेडियो, आका...
खुबानी का मूल स्थान पश्चिमी चीन माना जाता है। हमारे ...
इसे घी संक्रान्ति, घ्यू सग्यान, घ्यू सग्यान, ओलगिया,...
श्री भजन सिंह की गढ़वाल के वैभवशाली अतीत के प्रति गह...
'गढ़वाल का इतिहास' के लेखक पण्डित हरिकृष्ण...
एक भगौने में मडुवे का आटा लेकर उसमें गुड़ व अजवाइन मि...
कमल साहित्यालंकार का मूल नाम बलिराम कमल था। कवि, नाट...
उत्तराखंड के सौरमासानित ऋतुत्सवों में सर्वप्रथम आती ...
मेजर दुर्गा मल्ल आजाद हिन्द फौज के प्रथम गोरखा सैनिक...