घुघुती बासुती, माम कां छ माल कोटी।, कि लालो, दुदु भाती, को खालोऽ भय्या खालो
उड़ कूची मुड़ कुचि दाम दलैची, लइया लैची, पित्तल कैंची। ओड़े की चेलियां कसि, कसि मैन। उड़ कूची मुड़ कुचि | कुमाऊंनी बाल गीत | Ud Koochi Mudh Kuchi | Kumaoni Baal Geet
अटकन बटकन दही चटाकन बन फूले बनवारी फूले, दाता जी का करेला फूल
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
देवी भगवती मैया कोटगाड़ी की देवी मैया देवी भगवती मैय...
सुन ले दगडिया बात सूड़ी जा बात सूड़ी जा तू मेरी, हिरदी...
जल कैसे भरूं जमुना गहरी ठाड़ी भरूं राजा राम जी देखे। ...
शिव के मन माहि बसे काशी आधी काशी में बामन बनिया, आधी...
हाँ हाँ हाँ मोहन गिरधारी। हाँ हाँ हाँ ऐसो अनाड़ी चुनर...
सिद्धि को दाता विघ्न विनाशन होली खेले गिरजापति नन्द...
गोरी गंगा भागरथी को क्या भलो रेवाड़, खोल दे माता खोल ...
हरि धरे मुकुट खेले होली, सिर धरे मुकुट खेले होली-2, ...
हे रामधनी आंख्यु म छे तेरी माया रामधनी हिया म छे लाज...
कैले बांधी चीर, हो रघुनन्दन राजा। कैले बांधी गणपति ब...
तुमने क्यों न कही मन की रहे बंधु तुम सदा पास ही खोज ...
बांसुई का बन, मादुरी का कन, ताला माला खन, तै दिनै का...
गुमानी जी की यह कविता उन्होने अपने गांव गंगोलीहाट के...
सिलगड़ी का पाला चाला ओ बांजा झुप्रयाली बांजा। कंलू फू...
Biiroo Bhadoo ku Desh Baavan Gadoo Ku Desh | बीरू भड...
म्यौर मुलुक कदुक प्यारा, डान काना बै ज्यूनि हँसै छौ,...
अपनी बहन कुँवरी की स्मृति में जिसका 1937 मे निधन हो ...
सुरंगतटी रसखानमही धनकोशभरी यहु नाम रहयो। पद तीन बनाय...
जग छु यौ पराई शेरूवा हो, हिटो लौटि चलो। आपणि-आपणि हो...