"लक्ष्मी-आश्रम" कौसानी की संस्थापिका सुश्री सरला बहन की प्रेरणा से श्रीमती सचेता कृपलानी के मुख्य-मंत्री काल में, उन्हीं के द्वारा 6 अक्तूबर, 1964 ई० में अनासक्ति आश्रम का उद्घाटन समारोह हुआ। अना...
समुद्र तल से 1850 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मानिला रानीखेत और रामनगर से 80 किमी. की दूरी पर स्थित है। अल्मोड़ा जिला मुख्यालय से 125 किमी. की दूरी पर स्थित मानिला | Manila - Oldest Beauty Spot | Man...
कसारदेवी - कालीमठ पर्वत श्रृंखला घने वृक्षों से आच्छादित सौन्दर्य से परिपूर्ण एक शांतिप्रद रमणीक स्थल है जो ज्ञान की तलाश कर रहे साधकों को बर्बस अपनी ओर आकर्षित करता है। Kasar Devi or Kalimath Hi...
नैनीताल स्थित राजभवन एक ऐतिहासिक भवन है, जो कि आजादी से पहले अंग्रेजों के समय काल का बना है। इसे गवर्नमेंट हाउस के नाम से भी जाता है। इस राजभवन की स्थापना 27 अप्रैल 1897 को किया गया था। जो कि 190...
देश की प्राचीन सप्तपुरियों में से एक हरिद्वार पर्यटन और तीर्थाटन की दृष्टि से उत्तराखण्ड ही नहीं बल्कि विश्व का एक बड़ा केन्द्र है। हरिद्वार केवल चार धामों का प्रवेशद्वार है। Haridwar | History |...
उत्तराखण्ड की ऐतिहासिक धरोहरों में से एक लाउडन फोर्ट पिथौरागढ़ में स्थित है। 1790 के बाद कुमाऊँ गोरखा शासन में आ जाने के बाद इसका निर्माण गोरखाओं द्वारा किया गया और इसका नाम बाउलकीगढ़ किला रखा गया ...
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
21 मार्च 2022 को श्री पुष्कर सिंह धामी जी को सर्वसम्...
उत्तराखंड के लोकगायक एवं उत्तराखंड के गांधी के नाम स...
उत्तराखंड से आकर बॉलीवुड की सिनेमा नगरी में अपनी अवा...
शहीद श्री देव सुमन का टिहरी रियासत के बमुण्ड पट्टी क...
शेखर जोशी जी का जन्म अल्मोड़ा के ओलिया गांव, तहसील सो...
ब्रिटिश कमिश्नरी में कमिश्नर सबसे शक्तिशाली प्रशासनि...
पवेंद्र सिंह कार्की का नाम उत्तराखंड के महान लोकगायक...
बिच्छू घास दुनिया के अधिकतर देशों में पाये जाने वाली...
उत्तराखंड के नौजवानों ने हर स्तर पर अपने हुनर की अमि...
पवनदीप राजन ने डेढ़ साल की उम्र में अचानक थाली पर दाद...
जौव के पास ही लाठे पर एक रस्सी बंधी होती है। इसी रस्...
व्यवहार कुशल व मृदुभाषी जीवन सिंह बिष्ट ने आंचलिक फि...
कुमाऊं में होलिकोत्सव का समापन यद्यपि अपनी एक विशिष्...
हरियाली पूड़ा एक सामाजिक उत्सव है जिसे गढ़वाल मंडल क...
कुमाऊँ मंडल में सर्वाधिक झीलें नैनीताल जिले में है। ...
लीलाधर जगूड़ी, जन्म 1 जुलाई, 1944, स्थान धंगढ़ गाँव...
उत्तराखण्ड क्षेत्र से हिमालय की तीनों श्रृखलाएँ महाह...
छोटे पर्दे से बड़े पर्दे तक अपनी बेहतरीन अदाकारी से ...
इस नृत्य की लय झोड़े की अपेक्षा अधिक विलम्बित होती ह...