हे जी चला अपुणु पहाड़ घूमी ओला बणों मा घुघुती अर ,हिलांस देखी ओला लाल फूलों का, सजिला डाळा, बुराशं देखी ओला हे जी चला! अपुणु पहाड़ घूमी ओला.. हिटा पहाड़ - लिख्वार - अशोक जोशी नारायणबगड़ च...
अगस्त 12, व तिथी छा शुभ, कैथे पता छा, गढ़रत्न च् हुँयू। बीती गेनी बरस जब, समय ऊंकू ऐगे, गीतमाला लेके नेगी जी जु ऐगे। गढ़वाल बटी देश-विदेश तक, छूदा बस वु असमान गें। गढ़रत्न - नेगी दा - लिख्...
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
देवी भगवती मैया कोटगाड़ी की देवी मैया देवी भगवती मैय...
सुन ले दगडिया बात सूड़ी जा बात सूड़ी जा तू मेरी, हिरदी...
जल कैसे भरूं जमुना गहरी ठाड़ी भरूं राजा राम जी देखे। ...
शिव के मन माहि बसे काशी आधी काशी में बामन बनिया, आधी...
सिद्धि को दाता विघ्न विनाशन होली खेले गिरजापति नन्द...
हाँ हाँ हाँ मोहन गिरधारी। हाँ हाँ हाँ ऐसो अनाड़ी चुनर...
हरि धरे मुकुट खेले होली, सिर धरे मुकुट खेले होली-2, ...
गोरी गंगा भागरथी को क्या भलो रेवाड़, खोल दे माता खोल ...
हे रामधनी आंख्यु म छे तेरी माया रामधनी हिया म छे लाज...
कैले बांधी चीर, हो रघुनन्दन राजा। कैले बांधी गणपति ब...
हुण देश हुणियां को डांग बाजौ डुंगर बाजौ। हीरा भली बा...
आज हिमाल तुमन के धत्यूंछौ, जागौ-जागौ हो म्यरा लाल, न...
अपनी बहन कुँवरी की स्मृति में जिसका 1937 मे निधन हो ...
सुरंगतटी रसखानमही धनकोशभरी यहु नाम रहयो। पद तीन बनाय...
भूली निजान आपुण देश, हुलार-उकाव डाना रंगीला, नाचनै छ...
मुझे प्रेम की अमर पूरी में अब रहने दो अपना सब कुछ दे...
बांसुई का बन, मादुरी का कन, ताला माला खन, तै दिनै का...
क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात कैन न नि...
तेरी सैंदाण समाळी सिराणा धरीं चा आँखा बूजी छौं सौंदि...