जा तन लागै है सखी, व तन जानै पीर। दूजे को दरसै नहीं, जिगर द्यावै गंभीर। लांसिपसी खीर, धाग हुनूं तोड़ि दिनूं त्यारै मुखै तीर।जा तन लागै है सखी - बैर लोक गीत | Ja Tan Lagai Hai Sakhe - Bair ...
जहरूवा को मौनो हरूवे नैं जौंनो कस च्योल भौ रे उ मकैं समज नैं औंनोजहरूवा को मौनो - बैर लोक गीत | Jaharova ko mauno - Bair Folk Songs | Kumauni Folk Songs
तुमल भल लगाछो म्यासो दुतरी को तारो भरियो भकारो कना कमस्यारो पड़नी तुस्यारो आजकला देवसिंगा तुमल भल लगाछो म्यासो - बैर लोक गीत | Tumal bhal lagachho myaso - Bair Folk Songs | Kumauni Folk Songs
खून को अपना रंग दिया है बुरूंश ने बुरूंश ने सिखाया है फेफड़ों में भरपूर हवा भरकर कैसे हंसा जाता है एक बुरूंश कहीं खिलता है - हरीश चन्द्र पांडे | Ek burash kahi khilta ha - Harish Chandra ...
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
देवी भगवती मैया कोटगाड़ी की देवी मैया देवी भगवती मैय...
सुन ले दगडिया बात सूड़ी जा बात सूड़ी जा तू मेरी, हिरदी...
जल कैसे भरूं जमुना गहरी ठाड़ी भरूं राजा राम जी देखे। ...
शिव के मन माहि बसे काशी आधी काशी में बामन बनिया, आधी...
सिद्धि को दाता विघ्न विनाशन होली खेले गिरजापति नन्द...
हाँ हाँ हाँ मोहन गिरधारी। हाँ हाँ हाँ ऐसो अनाड़ी चुनर...
हरि धरे मुकुट खेले होली, सिर धरे मुकुट खेले होली-2, ...
गोरी गंगा भागरथी को क्या भलो रेवाड़, खोल दे माता खोल ...
कैले बांधी चीर, हो रघुनन्दन राजा। कैले बांधी गणपति ब...
जोगी आयो शहर में व्योपारी -२ अहा, इस व्योपारी को भूख...
Aa Ha Re Sabha | आ हा रे सभा | Sher Da Anpad Kavita ...
आ लिली बाकरी लिली | हीरा सिंह राणा | कविता | Aa Lile...
खून को अपना रंग दिया है बुरूंश ने बुरूंश ने सिखाया ह...
Bolaa Bhai-Bandhoo Tumathain Hanoo Uttarakhand | बोल...
मुल्क कुमाऊॅं का सुणि लिया यारो, झन दिया कुल्ली बेगा...
सिलगड़ी का पाला चाला ओ बांजा झुप्रयाली बांजा। कंलू फू...
Sherda Bhal Cha | शेरदा भा्ल छा | Sher Da Anpad Kavi...
Daaliyon Naa Kaataa | डालियों ना काटा | Narendra Sin...