साण कुल्यूॅंणों, पाकिया खेती, छोड़ी जाॅंछि धरण किसान, ह्यू पडिया में, द्यो का तहाड़ा, उसमें जाॅंछि कुली कुलान। साण कुल्यूॅंणों, पाकिया खेती | गौरीदत्त पाण्डे गौर्दा की कविता | कुली बेगार प्...
जै जै बागनाथ तेरी, जै जै गड़ माई। तेरा दरबार। यो खोरा भार। जै जै बागनाथ तेरी | गौरीदत्त पाण्डे गौर्दा की कविता | कुली बेगार प्रथा | Poems of Gauridutt Pandey Gorda
मुल्क कुमाऊॅं का सुणि लिया यारो, झन दिया कुल्ली बेगार। चहि पड़ी जा डंडे की मार। जेल हुणी लै होवौ तय्यार।। तीन दिन ख्वे बेर मिल आना चार।मुल्क कुमाऊॅं का सुणि लिया यारो | गौरीदत्त पाण्डे गौर...
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
सुन ले दगडिया बात सूड़ी जा बात सूड़ी जा तू मेरी, हिरदी...
देवी भगवती मैया कोटगाड़ी की देवी मैया देवी भगवती मैय...
जल कैसे भरूं जमुना गहरी ठाड़ी भरूं राजा राम जी देखे। ...
सिद्धि को दाता विघ्न विनाशन होली खेले गिरजापति नन्द...
शिव के मन माहि बसे काशी आधी काशी में बामन बनिया, आधी...
हाँ हाँ हाँ मोहन गिरधारी। हाँ हाँ हाँ ऐसो अनाड़ी चुनर...
हरि धरे मुकुट खेले होली, सिर धरे मुकुट खेले होली-2, ...
हे रामधनी आंख्यु म छे तेरी माया रामधनी हिया म छे लाज...
गोरी गंगा भागरथी को क्या भलो रेवाड़, खोल दे माता खोल ...
ब्रज मण्डल देश दिखाओ रसिया तेरे ब्रज में गाय बहुत है...
हटो फिरंगी हटो यहाँ से छोड़ो भारत की ममता हटो फिरंगी ...
खून को अपना रंग दिया है बुरूंश ने बुरूंश ने सिखाया ह...
नाई-सुप-माण नै, एक गास दिनै रै। भाई को भरौस होल, तू ...
मुझे प्रेम की अमर पूरी में अब रहने दो अपना सब कुछ दे...
जहरूवा को मौनो हरूवे नैं जौंनो कस च्योल भौ रे उ मकैं...
नस्यूड़ी को साल हयूं पड़ो हिमाल ओखड़ी को गाल भैंसि पड़ो ...
सिलगड़ी का पाला चाला ओ बांजा झुप्रयाली बांजा। कंलू फू...
Deharaadoon Vaalaa Hoon | देहरादून वाला हूँ | Narend...
जग छु यौ पराई शेरूवा हो, हिटो लौटि चलो। आपणि-आपणि हो...