किसी नवीन स्त्री को नवीन रूप में सम्बोधित करते हुए गाये जाते है। ये विरह मूलक गीत हैं। जीवन चिन्तन की प्रधानता होने के कारण इनके लम्बे खिंचाव वाले स्वर बहुत करूण व अत्यन्त मर्मस्पर्शी हुआ करते है...
भगनौल कुमाऊँ का बहु प्रचलित लोक गीत है। यह लोकगीत गायकों की व्यंग्य विनोदपूर्ण मनोरंजन रचनाएं हैं। इन गीतों को गायक (कलाकार ) एकत्रित होकर निश्चित स्थान चुन कर गाते हैं। Bhagnol - Kumaoni Folk So...
यह एक नृत्य प्रधान गीत है। इन गीतों में पुरूष हुड़का वादक गाता है तथा नृत्य करता है, और अन्य नृत्य मुद्राओं तथा भाव भंगिमाओं के माध्यम से गीत के भावों को अभिव्यक्त करता है। Chhapeli or Chapeli | ...
लोकगायकी विधा में बैर गायकी में दो गायक से लेकर दो दलों के बीच प्रश्नोत्तर शैली में गीत होते हैं। गीतों के माध्यम से ही एक-दूसरे का परिचय होता है और तर्को द्वारा एक-दूसरे को पराजित करने का रोचक ख...
हुड़क्या बौल एक कृषि गीत हैं, सामूहिक रूप से खेत में परिश्रम करते हुए लोगों के जीवन सरसता स्फूर्ति तथा उमंग का संचार करने का यह अत्यन्त सुन्दर माध्यम है। हुड़किया बौल - कृषि गीत | कुमाउनी लोकगीत ...
यह गीत सामूहिक रूप से गाया जाता है। इस गीत के साथ-साथ नृत्य भी चलता है। गोल घेरे में खड़े होकर एक दूसरे से हाथ व कंधा जुड़ाये हुए एक विशेष प्रकार के पद-संचालन के के साथ झोड़े गाये जाते हैं। Jhod...
इस नृत्य की लय झोड़े की अपेक्षा अधिक विलम्बित होती है तथा उसके साथ गाये जान वाले गीत विभिन्न प्रकार के होते हैं। इस नृत्य के लिए उपयुक्त अवसर मेले ही प्रमुख होते हैं। Chanchari or Chachari | Folk...
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
21 मार्च 2022 को श्री पुष्कर सिंह धामी जी को सर्वसम्...
उत्तराखंड के लोकगायक एवं उत्तराखंड के गांधी के नाम स...
उत्तराखंड से आकर बॉलीवुड की सिनेमा नगरी में अपनी अवा...
शहीद श्री देव सुमन का टिहरी रियासत के बमुण्ड पट्टी क...
शेखर जोशी जी का जन्म अल्मोड़ा के ओलिया गांव, तहसील सो...
ब्रिटिश कमिश्नरी में कमिश्नर सबसे शक्तिशाली प्रशासनि...
पवेंद्र सिंह कार्की का नाम उत्तराखंड के महान लोकगायक...
बिच्छू घास दुनिया के अधिकतर देशों में पाये जाने वाली...
उत्तराखंड के नौजवानों ने हर स्तर पर अपने हुनर की अमि...
पवनदीप राजन ने डेढ़ साल की उम्र में अचानक थाली पर दाद...
तांयह वाद्य उत्तराखण्ड के गढ़वाल में स्वर वाद्य के र...
हिन्दी साहित्य के श्रेष्ठ कथाकार, उपन्यासकार और समीक...
गढ़वाली लोक साहित्य लोक जन की अनुभूतिजन्य, सहज, सरल, ...
उत्तराखण्ड के कुमाऊँ क्षेत्र में स्थित यह मंदिर भगवा...
गढ़वाल नरेश मेदिनी शाह के सुपुत्र। 1667 में शासन सम्...
बलि वेदना उत्तराखंड की पहली फिल्म है जिसे अंतर्राष्ट...
बलदेव सिंह आर्य सन 1930 में विद्यार्थी जीवन में ही ग...
लवराज जी ने प्रारंभिक शिक्षा बौना गांव से ही की। उसक...
डॉ शेखर पाठक उत्तराखंड के एक भारतीय इतिहासकार, लेखक ...