जहाँ न बस्ता कंधा तोड़े, ऐसा हो स्कूल हमारा, जहाँ न पटरी माथा फोड़े, ऐसा हो स्कूल हमारा Keisha Ho School Humara - Girish Tiwari "Girda" | कैसा हो स्कूल हमारा - गिरीश तिवारी "गिर्दा"
ध्वनियों से अक्षर ले आना- क्या कहने हैं। अक्षर से ध्वनियाँ तक जाना क्या कहने हैं। Yatra - Girish Tiwari "Girda" | यात्रा - गिरीश तिवारी "गिर्दा"
Keishe Kah Doon In Saalon Men | कैसे कह दूँ, इन सालों में | Girish Chandra Tiwari "Girda" | Poems | कविता
ततुक नी लगा उदेख घुनन मुनई नि टेक जैंता एक दिन तो आलो उ दिन यो दुनी में। Jaintaa Ek Din To Aalo | Girda Poems | Kavitaye | जैंता एक दिन तो आलो | कविताएँ | गिरीश चंद्र तिबाडी 'गिर्दा...
यह रंग चुनावी रंग ठैरा, इस ओर चला, उस ओर चला, तुम पर भी चढ़ा, हम पर भी चढ़ा, जिस पर भी चढ़ा, घनघोर चढ़ा, Yah rng chunaavee rng thairaa - Girish Tiwari | यह रंग चुनावी रंग ठैरा - गिरीश तिवारी
आज हिमाल तुमन के धत्यूंछौ, जागौ-जागौ हो म्यरा लाल, नी करण दियौ हमरी निलामी, नी करण दियौ हमरो हलाल। Aaj Himaal Tuman Ke Dhatyoonchhau | Kavita | Poem | Girish Chandra Tiwari | आज हिमाल तुम...
सोचि ल्यूछा त सोच पड़नी, कौ भे मी, का बटी ऐ रूडीनिक जसी बरख सुदे, अरख, बरख, काँ हु गे Haau Paanik Pin | Kavita | Poem | Girish Chandra Tiwari | हाउ पानिक पिन | कविता | गिरीश तिवारी
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
सुन ले दगडिया बात सूड़ी जा बात सूड़ी जा तू मेरी, हिरदी...
जल कैसे भरूं जमुना गहरी ठाड़ी भरूं राजा राम जी देखे। ...
देवी भगवती मैया कोटगाड़ी की देवी मैया देवी भगवती मैय...
सिद्धि को दाता विघ्न विनाशन होली खेले गिरजापति नन्द...
शिव के मन माहि बसे काशी आधी काशी में बामन बनिया, आधी...
हाँ हाँ हाँ मोहन गिरधारी। हाँ हाँ हाँ ऐसो अनाड़ी चुनर...
हरि धरे मुकुट खेले होली, सिर धरे मुकुट खेले होली-2, ...
ब्रज मण्डल देश दिखाओ रसिया तेरे ब्रज में गाय बहुत है...
हे रामधनी आंख्यु म छे तेरी माया रामधनी हिया म छे लाज...
कैले बांधी चीर, हो रघुनन्दन राजा। कैले बांधी गणपति ब...
हुण देश हुणियां को डांग बाजौ डुंगर बाजौ। हीरा भली बा...
Daaliyon Naa Kaataa | डालियों ना काटा | Narendra Sin...
टेपुलिया राया, छनमन दाया, चंवली को साया, टादि गड़ो बा...
खून को अपना रंग दिया है बुरूंश ने बुरूंश ने सिखाया ह...
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा, गोरी मुखडी मा ह...
क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात कैन न नि...
घुघुती बासुती, माम कां छ माल कोटी।, कि लालो, दुदु भा...
जहरूवा को मौनो हरूवे नैं जौंनो कस च्योल भौ रे उ मकैं...
सुरंगतटी रसखानमही धनकोशभरी यहु नाम रहयो। पद तीन बनाय...