गुमानी जी की यह कविता उन्होने अपने गांव गंगोलीहाट के लिये कही है उत्तर दिशि में वन उपवन छन हिसालू काफल किल्मोड़ा, दक्षिण में छन गाड़ गधेरा बैदी बगाड़ नाम पड़ा Dhany Yo Graam Badaau | Gumani P...
सुरंगतटी रसखानमही धनकोशभरी यहु नाम रहयो। पद तीन बनाय रच्यौ बहु विस्तार वेगु नहीं जात कहयो। सुरंगतटी रसखानमही धनकोशभरी | गुमानी पंत व लोकरत्न | कविता | Surngatate Rasakhanamahe | Gumani Pa...
छोटे पे पोशाक बड़े पे ना धोती ना टोपी है, कहै गुमानी सुन ले बानी होनी है सो होती है।छोटे पे पोशाक बड़े पे | गुमानी पंत व लोकरत्न | कविता | Chote pe poshak bade pe | Gumani Pant or Lokratn
हटो फिरंगी हटो यहाँ से छोड़ो भारत की ममता हटो फिरंगी हटो यहाँ से | गुमानी पंत व लोकरत्न | कविता | Hato firnge hato yahaan se | Gumani Pant or Lokratn
हिसालू की जात बड़ी रिसालू, जाँ जाँ ले जांछा उधेड़ी खांछ। ये बात को कोई नको नि मानौ,हिसालू की जात बड़ी रिसालू | गुमानी पंत व लोकरत्न | कविता | Hisaalo ke jaat bade risaalo | Gumani Pant or Lo...
देवी भगवती मैया कोटगाड़ी की देवी मैया देवी भगवती मैय...
सुन ले दगडिया बात सूड़ी जा बात सूड़ी जा तू मेरी, हिरदी...
जल कैसे भरूं जमुना गहरी ठाड़ी भरूं राजा राम जी देखे। ...
हाँ हाँ हाँ मोहन गिरधारी। हाँ हाँ हाँ ऐसो अनाड़ी चुनर...
शिव के मन माहि बसे काशी आधी काशी में बामन बनिया, आधी...
सिद्धि को दाता विघ्न विनाशन होली खेले गिरजापति नन्द...
गोरी गंगा भागरथी को क्या भलो रेवाड़, खोल दे माता खोल ...
हरि धरे मुकुट खेले होली, सिर धरे मुकुट खेले होली-2, ...
कैले बांधी चीर, हो रघुनन्दन राजा। कैले बांधी गणपति ब...
हे रामधनी आंख्यु म छे तेरी माया रामधनी हिया म छे लाज...
दुनिया की हवा देखा या रूखी किलै छ दया धर्म की डाली स...
हिसालू की जात बड़ी रिसालू, जाँ जाँ ले जांछा उधेड़ी खां...
सिलगड़ी का पाला चाला ओ बांजा झुप्रयाली बांजा। कंलू फू...
तट यमुना के तीर कदम चढ़ि, तट यमुना के तीर कदम चढ़ि क...
तेरी सैंदाण समाळी सिराणा धरीं चा आँखा बूजी छौं सौंदि...
मास असौज की रात कन्हैया रास रच्यो यमुना तट में ।। 2 ...
अगस्त 12, व तिथी छा शुभ, कैथे पता छा, गढ़रत्न च् हुँय...
हटो फिरंगी हटो यहाँ से छोड़ो भारत की ममता हटो फिरंगी ...
Humra Pahadu Ki Nari | हमारा पहाडू की नारी | Narendr...