प्यारा, भज भक्तन के हितकारी सिरी कृष्ण मुरारी
हाँ हाँ हाँ हाँ सिरी कृष्ण मुरारी ।।
पत्थर हो के अहल्या पड़ी थी
चरण छुआ के तारी, सिरी कृष्ण मुरारी ।। हाँ हाँ हाँ हाँ सिरी कृष्ण मुरारी ।।
सत्य सीता ने सुमिरन कीन्हीं
धनुष तोड़ो त्रिपुरारी, सिरी कृष्ण मुरारी ।। हाँ हाँ हाँ हाँ सिरी कृष्ण मुरारी ।।
इन्द्र राजा को मान घटायो
नख पर पर्वत धारी, सिरी कृष्ण मुरारी ।। हाँ हाँ हाँ हाँ सिरी कृष्ण मुरारी ।।
युग युग में अवतार लियो है
भूमि को भार उतारी, सिरी कृष्ण मुरारी ।। हाँ हाँ हाँ हाँ सिरी कृष्ण मुरारी ।।