जै जै जै गिरिजा महारानी स्वहा स्वधा स्वरूप् तुमही हो तुम ही रमा ब्रह्माणी, गिरिजा महारानी ।। तुम्हारो ही ध्यान धरत सुर नर मुनि आदि शक्ति जिय जानी, गिरिजा महारानी ।। ब्रह्मा वेद पढ़ै तोरे द्वारे शंकर ध्यान समानी, गिरिजा महारानी ।।
सिद्धि को दाता विघ्न विनाशन होली खेले गिरजापति नन्द...
कैले बांधी चीर, हो रघुनन्दन राजा। कैले बांधी गणपति ब...
शिव के मन माहि बसे काशी आधी काशी में बामन बनिया, आधी...
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
देवी भगवती मैया कोटगाड़ी की देवी मैया देवी भगवती मैय...
सुन ले दगडिया बात सूड़ी जा बात सूड़ी जा तू मेरी, हिरदी...
जल कैसे भरूं जमुना गहरी ठाड़ी भरूं राजा राम जी देखे। ...
हाँ हाँ हाँ मोहन गिरधारी। हाँ हाँ हाँ ऐसो अनाड़ी चुनर...
गोरी गंगा भागरथी को क्या भलो रेवाड़, खोल दे माता खोल ...
हरि धरे मुकुट खेले होली, सिर धरे मुकुट खेले होली-2, ...
हे रामधनी आंख्यु म छे तेरी माया रामधनी हिया म छे लाज...
सिद्धि करत यो गणपति, राज विघन हरत यो गणपति राज, अरघ ...
वहाँ हिमालय में, बर्फों पर निशान तो नहीं थे, पैरों ...
जहाँ न बस्ता कंधा तोड़े, ऐसा हो स्कूल हमारा, जहाँ न प...
एक दंत गज लम्बोदर है, सिद्धि करत विघ्न हरत पूजें गणप...
हे जी चला अपुणु पहाड़ घूमी ओला बणों मा घुघुती अर ,हि...
जा तन लागै है सखी, व तन जानै पीर। दूजे को दरसै नहीं,...
नाई-सुप-माण नै, एक गास दिनै रै। भाई को भरौस होल, तू ...
Humra Pahadu Ki Nari | हमारा पहाडू की नारी | Narendr...
जग छु यौ पराई शेरूवा हो, हिटो लौटि चलो। आपणि-आपणि हो...