Folk Songs


    शिव महसूस हुए थे मुझे

    ShivMahasoosHue

    वहाँ हिमालय में,
    बर्फों पर निशान तो नहीं थे, पैरों के
    हवा के झोकों में लेकिन सुनी थी चाप मैंनें।
    पर्वतों की ऊंची ऊंची श्रृंखलाओं पर
    भ्रम था, पर आभा सी दिखी थी मुझे।
    बादलों की धम धम में गरजी थी
    डमरू की नाद कई कई बार।
    वहां प्रकृति की रग-रग में थे
    दिखे तो नहीं पर साक्षी था मैं

    वहाँ हिमालय में,
    शिव महसूस हुए थे मुझे।



    - वैभव जोशी।

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