जल कैसे भरूं जमुना गहरी ।।1।। ठाड़ी भरूं राजा राम जी देखे। बैठी भरूं भीजै चुनरी। जल कैसे ० धीरे चलूं घर सासु बुरी है। धमकि चलूं छलकै गागर। जल कैसे ० गोदी में बालक सिर पर गागर, परवत से उतरी गोरी, जल कैसे ०
सिद्धि को दाता विघ्न विनाशन होली खेले गिरजापति नन्द...
कैले बांधी चीर, हो रघुनन्दन राजा। कैले बांधी गणपति ब...
शिव के मन माहि बसे काशी आधी काशी में बामन बनिया, आधी...
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
सुन ले दगडिया बात सूड़ी जा बात सूड़ी जा तू मेरी, हिरदी...
देवी भगवती मैया कोटगाड़ी की देवी मैया देवी भगवती मैय...
हाँ हाँ हाँ मोहन गिरधारी। हाँ हाँ हाँ ऐसो अनाड़ी चुनर...
हरि धरे मुकुट खेले होली, सिर धरे मुकुट खेले होली-2, ...
हे रामधनी आंख्यु म छे तेरी माया रामधनी हिया म छे लाज...
ब्रज मण्डल देश दिखाओ रसिया तेरे ब्रज में गाय बहुत है...
जहाँ न बस्ता कंधा तोड़े, ऐसा हो स्कूल हमारा, जहाँ न प...
ध्वनियों से अक्षर ले आना- क्या कहने हैं। अक्षर से ध्...
Biiroo Bhadoo ku Desh Baavan Gadoo Ku Desh | बीरू भड...
हे मेरे प्रदेश के वासी, छा जाती वसन्त जाने से जब सर्...
हरा पंख मुख लाल सुवा बोलिया जन बोले बागा में बोलिया...
जोगी आयो शहर में व्योपारी -२ अहा, इस व्योपारी को भूख...
झुमुरा की घान म्यार् सम्दी सोबान सन् इक्सठि में पैद ...
पूर्वत-पहाड़, भ्योल-भाड़, डाँडा-काँठा स्वर्ग समान मै...
गढ़ छोड़ि दे लंका रावन, लंका जैसो कोट हमारो, समुंदर जै...
दाज्यू, कूंछी के नि हुन हर बात पै कूंछी के नि हुन। क...
जै जै जै गिरिजा नंदन की, एक दंत सिर छत्र विराजै, खौर...