जमुना तट राम खेलें होरी, जमुना तट श्याम खेलें दौड़ि दौड़ि सब मारे पिचकारी बाल सखा सब खेले होरी। जमुना तट श्याम0 अबीर गुलाल के थाल भरे हैं अबीर गुलाल से भर झोरी जमुना तट श्याम खेलें होरी।।2।।
कामिनी भर भर मारत रंग, भर भर मारत रंग कामिनी भर पिचक...
होली आई रे कन्हाई रंग छलके सुना दे जरा बांसुरी होली...
एक मोती दो हार, हीरा चमक रहो है, चमक रहो आधी रात, ही...
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
देवी भगवती मैया कोटगाड़ी की देवी मैया देवी भगवती मैय...
सुन ले दगडिया बात सूड़ी जा बात सूड़ी जा तू मेरी, हिरदी...
जल कैसे भरूं जमुना गहरी ठाड़ी भरूं राजा राम जी देखे। ...
हाँ हाँ हाँ मोहन गिरधारी। हाँ हाँ हाँ ऐसो अनाड़ी चुनर...
शिव के मन माहि बसे काशी आधी काशी में बामन बनिया, आधी...
सिद्धि को दाता विघ्न विनाशन होली खेले गिरजापति नन्द...
गोरी गंगा भागरथी को क्या भलो रेवाड़, खोल दे माता खोल ...
हरि धरे मुकुट खेले होली, सिर धरे मुकुट खेले होली-2, ...
कैले बांधी चीर, हो रघुनन्दन राजा। कैले बांधी गणपति ब...
हे रामधनी आंख्यु म छे तेरी माया रामधनी हिया म छे लाज...
भोलिया की हार, छातुला की धार, काणा कमस्यार, पड़नी तुस...
सिलगड़ी का पाला चाला ओ बांजा झुप्रयाली बांजा। कंलू फू...
मैं बनू वह वृक्ष जिसकी स्निग्ध छाया मे कभी थे रुके द...
मास असौज की रात कन्हैया रास रच्यो यमुना तट में ।। 2 ...
गुमानी जी की यह कविता उन्होने अपने गांव गंगोलीहाट के...
मालू ग्वीरालू का बीच खीनी सकीनी आहा, गोरी मुखडी मा ह...
छोटे पे पोशाक बड़े पे ना धोती ना टोपी है, कहै गुमानी ...
मेरी डांडी कांठ्यूं का मुलुक जैली बसंत रितु मा जैई.....
झुमुरा की घान म्यार् सम्दी सोबान सन् इक्सठि में पैद ...