एक मोती दो हार, हीरा चमक रहो है,
चमक रहो आधी रात, हीरा चमक रहो है।। एक मोती०
रोहिणी के बुद्धवार भादों की रात में
कृष्ण भयो अवतार, हीरा चमक रहो है ।। एक मोती०
बारी चौकी कंस राजा की,
चौकी गये सब सोई हीरा चमक रहो है ।। एक मोती०
वसुदेव देवकी की बन्दी खुली गयो
बजरा को केवाड़, हीरा चमक रहो है ।। एक मोती०
लेकर बालक गोदि धरो है चल यमुना के तीर,
हीरा चमक रहो है ।। एक मोती०
पीछे से बन राज गरजे, आगे यमुना अथाह,
हीरा चमक रहो है ।। एक मोती०
चारों मेघ भादो बरसे, नदियां चढ़ी असमान,
हीरा चमक रहो है ।। एक मोती०
कृष्ण जी ने चरण छुआए, यमुना हो गई अथाह,
हीरा चमक रहो है ।। एक मोती०
देवकी की गोद में जन्म लियो है, यशोदा गोद खिलाय।
हीरा चमक रहो है ।। एक मोती०