जै जै जै गिरिजा नंदन की
एक दंत सिर छत्र विराजै
खौर विराजै चंदन की, जै जै जै हो गिरिजा नंदन की ।।
वक्षस्थल कौस्तुभ मणि सोहै
हिय पर माला मोतिन की, जै जै जै गिरिजा नंदन की ।।
हाथ शंख औ ध्वजा विराजै
सिद्धि करत शुभ कर्मन की, जै जै जै गिरिजा नंदन की ।।