नन्दाकोट पर्वत उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित हैं। हालांकि यह पिथौरागढ़-बागेश्वर सीमा से लगता है। नन्दकोट हिमालय पर्वत समुद्र तल से 6,861 मी. (25,510 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है।नन्दाकोट - पि...
नंदादेवी के बाहरी किनारे पर स्तिथ नंदा घुंटी समुद्र तल से 6,309 मी. (20,699 फ़ीट) की ऊंचाई पर स्तिथ उत्तराखंड की हिमालय श्रेणियों में से एक है नंदा घुंटी पर्वत | नंदा घुंघटी पर्वत | चमोली | Nanda ...
उत्तराखण्ड के चमोली जिले में 7,816 मी. (25,463 फीट) की ऊँचाई पर स्थित नंदा देवी पर्वत भारत की दूसरी व उतराखण्ड की सबसे ऊँची चोटी है। नंदा देवी - उत्तराखंड की सबसे ऊँचा पर्वत | पर्वत चोटी | Nanda ...
उत्तराखण्ड क्षेत्र से हिमालय की तीनों श्रृखलाएँ महाहिमालय, उस पार का हिमालय (ट्रान्स हिमालय) तथा मध्य हिमालय गुजरती है। उत्तराखण्ड की प्रमुख पर्वत श्रेणियां | Uttarakhand Peak List | Uttarakhand ...
उत्तराखंड का द्वितीय सबसे ऊंचा पर्वत शिखर कामेट समुद्र तल से 7,756 मी. की ऊंचाई पर गढ़वाल क्षेत्र के चमोली जिले में स्तिथ है। कामेट पर्वत - उत्तराखंड की द्वितीय सबसे ऊंचा पर्वत शिखर | Kamet - Utt...
उत्तराखण्ड के पश्चिम में स्थित बन्दरपूँछ हिमालय पर्वत की ऊँचाई लगभग 6,316 मीटर है। प्रसिद्ध यमुनोत्री हिमनद भी इसी पर्वत श्रेणि में आता है जहां से यमुना का उद्गम होता है। बन्दरपूँछ पर्वत - उत्तरक...
उत्तराखंड की हिमालय श्रेणियों में से एक त्रिशूल पर्वत तीन चोटियों का एक समूह है, यह तीनों पर्वत चोटियां त्रिशूल , जो कि भगवान शिव का अस्त्र है, के हूबहू है। त्रिशूल पर्वत चमोली उत्तराखंड | कहाँ ह...
उत्तराखण्ड के कुमाऊँ हिमालय में स्थित पिण्डारी ग्लेशियर समुद्रतल से 3,660 मी. की ऊँचाई पर, बागेश्वर जिले में स्थित है। बागेश्वर से पिण्डारी ग्लेशियर की दूरी लगभग 81 कि.मी. है। पिण्डारी ग्लेशियर (...
कुमाऊं के उत्तरी भाग में स्थित पंचाचूली पर्वत 5 पर्वतों की श्रृंख्लायें है। जिन्हे पंचाचूली 1,2,3,4,5 के नाम से जाना जाता है। पंचाचूली पर्वत उत्तराखंड | Panchchuli Peaks Parvat Munsiyari | Height...
हिमालय के गंगोत्री समूह के अंतर्गत आने वाला चौखम्बा पर्वत चार शिखरों का समूह है, इसी लिए इसे चौखम्बा कहा जाता है। चौखम्बा पर्वत - चमोली | ऊंचाई | Chaukhamba Peak | Camp | Distance | Height | Loca...
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
शहीद श्री देव सुमन का टिहरी रियासत के बमुण्ड पट्टी क...
21 मार्च 2022 को श्री पुष्कर सिंह धामी जी को सर्वसम्...
उत्तराखंड के लोकगायक एवं उत्तराखंड के गांधी के नाम स...
शेखर जोशी जी का जन्म अल्मोड़ा के ओलिया गांव, तहसील सो...
उत्तराखंड से आकर बॉलीवुड की सिनेमा नगरी में अपनी अवा...
बछेन्द्री पाल माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारती...
ब्रिटिश कमिश्नरी में कमिश्नर सबसे शक्तिशाली प्रशासनि...
अनुराधा निराला जी तब से उत्तराखंड की सुरीली आवाज से ...
पवेंद्र सिंह कार्की का नाम उत्तराखंड के महान लोकगायक...
बिच्छू घास दुनिया के अधिकतर देशों में पाये जाने वाली...
एक भगौने में मडुवे का आटा लेकर उसमें गुड़ व अजवाइन मि...
उत्तराखण्ड के कुमाऊँ क्षेत्र में स्थित यह मंदिर भगवा...
कम ही सुनने को मिलता है कि छात्र-छात्राएं महाविद्याल...
एक हतिया नौला चंपावत के समीपवर्ती ढकना गाँव से 3 किम...
विशेष मानसखण्ड ग्रंथ के लेखन हेतु कुमाऊँ क्षेत्र के ...
आज की मालतराई तो अत्यंत संकुचित 25-30 कि.मी. नीचे तक...
किलमोड़ा के मूल के पास से ही प्रशाखा निकलती है। छाल ...
कुमाऊँ गढ़वाल में ब्रिटिश राज के 132 वर्षों के प्रशा...
देश की प्राचीन सप्तपुरियों में से एक हरिद्वार पर्यटन...
कैंचीधाम उत्सव मेला बाबा नीमकरौरी के आश्रम में इसके ...