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    बन्दरपूँछ पर्वत

    उत्तराखण्ड के पश्चिम में स्थित बन्दरपूँछ हिमालय पर्वत की ऊँचाई लगभग 6,316 मीटर है। प्रसिद्ध यमुनोत्री हिमनद भी इसी पर्वत श्रेणि में आता है जहां से यमुना का उद्गम होता है। यह उत्तराखण्ड के गढ़वाल क्षेत्र के उत्तरकाशी जिले में स्थित है।


    बन्दरपूँछ पर्वत की तीन प्रमुख चोटियां है। जिसमें सर्वप्रथम सफेद चोटी है जिसकी ऊँचाई 6,102 मी0 है जोकि यमुनोत्री के उपर पश्चिम में है। दूसरी चोटी सफेद चोटी से 5 किमी0 दूर 6,316 मी0 पर है जिसका नाम बंदरपूँछ है। तीसरी चोटी बंदरपूँछ से 4 किमी0 उत्तर पूर्व पर है जिसे काला नाग चोटी के नाम से जाना जाता है।


    इस पर्वत पर सर्वप्रथम 1950 में मेजर जनरल हैरोल्ड विलयम्स ने सफल आरोहण किया था। आरोहण करने वाली टीम में तेंजिंग नोर्गे, सार्जेंट राॅय ग्रीनवुड व शेरपा किन चोक शेरिंग भी शामिल थे।


    यह बंदरपूंछ पर्वत हिमाचल प्रदेश की सीमा के बाद उत्तराखण्ड की सीमा से शुरू होता है। हिमालय यहां से उत्तर पश्चिम की ओर मुड़ जाता है। यह संकरी रेंज का हिस्सा है। गोविन्द पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान व अभयारण का क्षेत्र भी इसी के अन्तर्गत आता है। इस पर्वत के अन्तर्गत अनेक हिमनद भी आते हैं जिसमें प्रमुख यमुनोत्री हिमनद है जहां से यमुना नदी निकलती है। इस पर्वत में दक्षिणी भाग से हनुमान गंगा नदी भी निकलती है जो यमुना की सहायक नदी है।


    पौराणिक मान्यताओं में इस पर्वत का जिक्र रामायण में भी मिलता है। कहा जाता है कि जब रावण द्वारा हनुमान की पूंछ में आग लगायी जाती है तो लंका दहन के बाद हनुमान जी ने इसी पर्वत में आकर अपनी पूंछ की आग बुझायी थी। तभी से इस चोटी को बंदरपूछ कहा जाता है।




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