बाद्दी या मिरासियों का प्रिय वाद्ययंत्र है। इसके स्वर बहुत मधुर होते हैं व इसके द्वारा गायक के गले की हर हरकत को वशीकृत किया जाता है। सारंगी | वाद्य यंत्र | उत्तराखंड | Sarangi | Musical Instrum...
तांबे का लम्बा एक इंच गोलाई से तीन इंच गोलाई तक बना हुआ वाद्ययंत्र है. जिसकी लम्बाई 36 इंच होती है। भंकोरा - वाद्य यंत्र | उत्तराखंड | Bhankora | Musical Instruments | Uttarakhand
शंख देवालयों में बजाया जाना वाला प्रमुख वाद्य यंत्र है। देव पूजन सम्बन्धी गीतों के साथ यह वाद्य पुरोहित द्वारा बजाया जाता है। शंख | वाद्य यंत्र | उत्तराखंड | Shankh | Traditional Music Instrument...
इस वाद्य का प्रयोग वैवाहिक अवसरों पर किया जाता है। चमड़े के थैले पर पांच पाईप लगे होते हैं। एक पाईप से थैले के अन्दर हवा भर दी जाती है मशकबीन | मशकबाजा | वाद्य यंत्र | उत्तराखंड | Masak Been | Ba...
यह पीतल अथवा तांबे का बना होता हैं, जिसका प्रयोग युद्ध के अवसर पर सूचना देने अथवा सावधान करने के काम में लिया जाता था। रणसिंघा - वाद्य यंत्र | उत्तराखंड | Ransingha - Musical Instruments | Uttara...
तांयह वाद्य उत्तराखण्ड के गढ़वाल में स्वर वाद्य के रूप में प्रतिष्ठित है। बिणाई | मुखचंग | मोछांग | वाद्य यंत्र | उत्तराखंड | Morchang | Mochang | Binai | Uttarakhand
एकतारे का चलन केवल साधु-सन्तों द्वारा भक्ति गीतों को गाने में किया जाता है। इसका प्रयोग स्वर वाद्य के रूप में किया जाता है। एकतारा | वाद्य यंत्र | उत्तराखंड | Ektara | Musical Instruments | Uttar...
इसे रामसोर नाम से जाना जाता है। इसमें दो बांसुरियों को साथ-साथ मुँह में लेकर बजाया जाता है। जौंया मुरुली | रामसोर | अलगोजा | वाद्य यंत्र | उत्तराखंड | Joya Muruli | Alghoza | Uttarakhand
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
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