इसे रामसोर नाम से जाना जाता है। इसमें दो बांसुरियों को साथ-साथ मुँह में लेकर बजाया जाता है। खुदेड़ अथवा झुमैलो जैसे करूण प्रधान गीतों को अलगोजे के स्वरों में गाया जाता है।
B.C. Deva के अनुसार "In fact a pain of beak played simultaneously. The two flutes are placed together inside the mouth and blown into at the same time. Both of them have ofcourse, orifices for playing times but it is usual to use one of the instruments for the melody and the other to give the drone or base note".
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