सुदर्शन अग्रवाल | |
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जन्म | 19 जून, 1931 |
जन्म स्थान | लुधियाना, पंजाब |
शिक्षा | एल.एल.बी. |
पत्नी | श्रीमती उषा अग्रवाल |
मृत्यु | 03 जुलाई, 2019 |
सुदर्शन अग्रवाल का जन्म 19 जून 1931 में हुआ। 1953 में उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से विधि में स्नातक किया। अग्रवाल 1956 में पंजाब की न्यायिक सेवा में शामिल हुए और 1971 तक न्यायिक अधिकारी के रूप में कार्य किया। 1971 में वे राज्य सभा सचिवालय में शामिल हुए और विभिन्न पदों पर कार्य किया। वर्ष 1981 में वे राज्य सभा के महासचिव बने और 12 वर्षों तक इस सचिवालय कार्यालय को संभाला। 1986 में इस पद पर रहते हुए, उन्हें कैबिनेट सचिव, भारत सरकार के पद पर पदोन्नत किया गया था। राज्यसभा से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में नियुक्त किया गया। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान पद में वह मानवाधिकार आयोग में शामिल हुए। जून 2001 में, वह राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने भारत और विदेशों में बड़े पैमाने पर यात्रा की है और कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में देश का प्रतिनिधित्व किया है।
समाजसेवक के रूप में
सुदर्शन अग्रवाल को उच्च सार्वजनिक पद धारण करने के अलावा, कई महत्वपूर्ण सामाजिक और धर्मार्थ के कार्यों के लिए जाना-जाता है। उन्होंने रोटरी फाउंडेशन इंडिया के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था। उन्होंने दिल्ली में रोटरी ब्लड बैंक की भी स्थापना की। सामाजिक सक्रियता की इस भावना को उन्हीने उत्तराखंड तक पहुँचाया। उनके द्वारा गरीब बालिकाओं के लिए देहरादून में हिम ज्योति स्कूल की शुरुआत की गई थी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के तत्वावधान में देहरादून में ब्लड बैंक की स्थापना में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान था।
राज्यपाल का पद
अग्रवाल ने 08 जनवरी 2003 को नव निर्मित राज्य उत्तरांचल के दूसरे राज्यपाल के रूप में शपथ ली और 28 अक्टूबर 2007 तक इस पद पे रहें। सुदर्शन अग्रवाल को उत्तरांचल में गुरुकुल विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था। अग्रवाल ने सिक्किम और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के रूप में भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया था। वे राज्यसभा के महासचिव भी रहे थे।
व्यक्तिगत जीवन
श्री अग्रवाल का विवाह श्रीमती उषा अग्रवाल से हुआ था। इनकी दो बच्चे (एक बेटा और एक बेटी) हैं।
मृत्यु
सुदर्शन अग्रवाल का लंबी बीमारी के बाद 2 जुलाई, 2019 को नई दिल्ली के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली।
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