बच्चों के होश संभालने के साथ ही माँए उनके मन में एक आतंक भर देती थीं। एक सामान्य सा मुहावरा ‘हुणियाँ आया’ सुनते ही रोते बच्चे सहम कर चुप हो जाते और जिद्दी बच्चा अपनी माँगे भूल जाता था। ऐस...
दिल्ली में रहने वाले नन्हे दीपक को हमेशा गर्मियों की छुट्टियों की प्रतीक्षा रहती।अप्रैल में सालाना परीक्षाओं के बाद तो मानो उसका मन शहर में लगता ही न था। Ama - Bubu - Based on Palayan | P...
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
चमोली में एक छोटा सा गाँव है- ‘देवरण डोरा’। कई साल प...
बहुत समय पहले सुदूर गाँव में एक औरत और उसकी बेटी रहत...
एक गाँव में रामी नाम की बुढ़िया और उसकी बेटी रहती थी।...
कुछ दिन बाद उसी घर में एक बुरांश का पेड़ उग गया और उस...
एक बार की बात है, सोरीकोट नाम के एक गाँव में एक बहुत...
बछड़े को अधिक दूध पिलाने की इच्छा गाय को दूर दूर तक ज...
गढ़वाली समाज में सदेई की कथा घर-घर में सुनाई और गायी...
दिल्ली में रहने वाले नन्हे दीपक को हमेशा गर्मियों की...
बच्चों के होश संभालने के साथ ही माँए उनके मन में एक ...