शीतोष्ण फलों में सेब अपने विशिष्ट स्वाद, सुगंध, रंग व अच्छी भण्डारण क्षमता के कारण प्रमुख स्थान रखता है। इसका उपयोग ताजे एवं प्रसंस्कृत उत्पादों जैसे- जैम, जूस, मुरब्बा, इत्यादि के रूप में किया ज...
खुबानी का मूल स्थान पश्चिमी चीन माना जाता है। हमारे देश में व्यावसायिक बागवानी मुख्यतः हिमालय की पहाड़ियों में खुबानी की कुछ अच्छी किस्में पैदा की जाती हैं। खुबानी - उत्तराखंड में खेती | फायदे | त...
यह दो चार फुट ऊँचा क्षुप (Herb) है। काण्ड सरल और शाखाएं चपटी होती हैं पत्र 2-4 इंच लम्बे अण्डाकार या हृदयाकार होते हैं। पुष्प पीले कुछ नीलिमा युक्त होते हैं। Atis or Ativisha Herb - Aconitum Hete...
प्रारम्भ में भारत में आडू का प्रवेश उत्तर-पश्चिम की ओर से हुआ, जहाॅं की जलवायु काफी ठंडी होने के कारण आडू के अनुकूल थी। आडू की अच्छी किस्में, 19वीं शताब्दी में हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल की पहाड़ियो...
किलमोड़ा के मूल के पास से ही प्रशाखा निकलती है। छाल घूसर वर्ण के तोड़ने पर पीले रंग की होती है। पुष्प गुच्छों के रूप में पीले वर्ण के होते हैं। किलमोड़ा - प्रयोग | फल | दारुहल्दी | उत्तराखंड औषधि...
काफल उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाया जाने वाला फलदार वृक्ष है। इसके फल दानों के आकार के होते हैं, जो गुच्छे के रूप में लगते हैं। Kafal Tree | Fruit | Kafal Pako | About | Bird | Uttara...
बिच्छू घास दुनिया के अधिकतर देशों में पाये जाने वाली वनस्पति है। भारत में यह घास पहाड़ी इलाकों (हिमालय क्षेत्र) में खूब पाया जाता है। Nettle - Bichu Grass | Uses | Benefits | Leaf Tea | Plant | बि...
बांज ग्रामीण क्षेत्रों की गतिविधियों से जुड़ा रहने के कारण अन्य पेड़ों की तुलना में ईंधन व चारा जैसे आवश्यक साधन उपलब्ध कराने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। बाँज - उत्तराखंड का सोना | पेड़ | वैज्ञानि...
बेडू जून में पकता है। यह भी स्वत: उगने वाला जंगली वृक्ष का फल है। बेडू के फल पककर हल्के काले रंग के हो जाते हैं। इसका स्वाद मीठा होता है तथा इसके भीतर बारीक बीज होते हैं। Bedu - Ficus Palmata | F...
ब्रह्मकमल एक महत्त्वपूर्ण प्रजाति है। पुष्प व्यवसाय के लिए इसका दोहन होता है। इसके पुष्प धार्मिक दृष्टि से अति पवित्र माने जाते हैं ब्रह्मकमल - उत्तराखंड का देवपुष्प | वैज्ञानिक नाम | महत्व | Br...
बुरांश (रोडोडेंड्रोन अरबोरेउँ), उत्तराखंड का राज्य वृक्ष है। हिमालयी राज्यों में लगभग 1500 से लगभग 4000 तक की ऊंचाई में पाए जाने वाले यह पुष्प लाल रंग के होते है। Buransh - State Tree of Uttarakh...
देवदार पहाड़ों में पाया जाने वाला हरे रंग की चौड़ी पत्ती का एक सदाबहार शंकुधारी वृक्ष है, जिसकी ऊँचाई लगभग 40 से 50 मीटर होती है। Deodar Tree - Cedrus deodara | Age | Uses | Uttarakhand | देवदार वृ...
फल लगने से पूर्व तिमुला पर पुष्प नहीं दिखाई देते। किंवदंती है कि तिमुला के किसी वृक्ष पर कभी कभार ही पुष्प दिखाई देता है। यदि कोई उसे प्राप्त कर ले तो वह भाग्यशाला बन जाता है। Timul - Ficus Auric...
लाल जड़ी जम्मू, नेपाल व हिमालयी क्षेत्रों में मिलने वाला झाड़ी है। जो विशेषकर 3300 मीटर से 4200 मीटर की ऊँचाई पर पाया जाता है। Laal Jadi - Uses | Plant | Herb Benefits | Himalayan Arnebia | Ratan ...
पद्म व पयां 20 से 34 फुट के करीब लम्बा वृक्ष है। इसका काण्ड लोहिताभ एवं ग्रन्थियुक्त होता है। छाल, कृष्ण रक्तवर्ण की एवं पतले कागज के समान होती है। पद्म व पयां - देव वृक्ष | फल | औषधि गुण | उत्तर...
शिलफड़ - पाषाणभेद यह हिमालय में मिलने वाल क्षुप है पत्र 3 से 4 इंच तक चौड़े मसृण होते हैं। पुष्प पुष्पकाण्ड पर गुच्छों के रूप में खिलते हैं। पाषाण भेद - शिलफड़ | औषधि प्रयोग | जड़ | उत्तराखंड | Shil...
जटामांसी का पौधा एक फुट लम्बा होता है। इसके पत्ते दो इंच लम्बे होते हैं। जटामांसी के फूल ऊपरी भाग में गुच्छे के रूप में खिलते हैं। Jatamashi | Uses | Benifits | Nardostachys Jatamansi | Powder | ...
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
शहीद श्री देव सुमन का टिहरी रियासत के बमुण्ड पट्टी क...
21 मार्च 2022 को श्री पुष्कर सिंह धामी जी को सर्वसम्...
उत्तराखंड के लोकगायक एवं उत्तराखंड के गांधी के नाम स...
शेखर जोशी जी का जन्म अल्मोड़ा के ओलिया गांव, तहसील सो...
उत्तराखंड से आकर बॉलीवुड की सिनेमा नगरी में अपनी अवा...
बछेन्द्री पाल माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारती...
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अनुराधा निराला जी तब से उत्तराखंड की सुरीली आवाज से ...
पवेंद्र सिंह कार्की का नाम उत्तराखंड के महान लोकगायक...
बिच्छू घास दुनिया के अधिकतर देशों में पाये जाने वाली...
सुदर्शन अग्रवाल का जन्म 19 जून 1931 में हुआ। 1953 मे...
देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग करने वाल...
1940-41 के मध्य गढ़वाल में एक अशोभनीय घटना घटी जिसमे...
यशवन्त सिंह कठोच- डॉ. जन्म ग्राम मासौं; चौन्दकोट, गढ...
रस्किन बांड - बाल साहित्य पर सर्वाधिक लिखने वाला सम्...
बालेश्वर मंदिर समूहों का मुख्य मंदिर शिव मंदिर है। इ...
बाबा मोहन उत्तराखंडी का जन्म 3 दिसम्बर, 1948 में पौड़...
महासू देवता जौनसार - बावर व हिमाचल प्रदेश के कुछ क्...
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बधान गढ़ी बागेश्वर-कर्णप्रयाग मुख्य सड़क मार्ग के मध्य...