सलाम क्रानित उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के सलाम पट्टी में 25 अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन के लिए हुई थी. Salam Kranti Uttarakhand - 25 August 1942 | Diwas | History | सालम क्रांति उत्तराखंड
उत्तराखण्ड का यह आंदोलन पेड़ो की रक्षा हेतु किया गया था। चमोली जिले के डूंगी-पैंतोली क्षेत्र में बांज के जंगल काटे जाने के विरोध में वहां के ग्रामीणों ने आंदोलन किया। Dungi Pantoli Movement | Utta...
कम ही सुनने को मिलता है कि छात्र-छात्राएं महाविद्यालय में पुरानी हो चुकी किताबों, लाइब्रेरी की दशा सुधारने और शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए आंदोलन कर रहें हो। शिक्षक - पुस्तक आंदोलन | पिथौर...
शिल्पकार आन्दोलन की जयानंद भारती, खुशी राम, बलदेव सिंह आर्य और बची राम आर्य आदि की समझ तथा संगठन से डोलापालकी आन्दोलन सफलता पा सका। शिल्पकार सुधार आन्दोलन तथा डोला पालकी आन्दोलन | उत्तराखंड | कुम...
नशा नही रोजगार दो आन्दोलन के नाम से 2 फरवरी 1984 को अल्मोड़ा जिले के घुगोली, बसभीड़ा ग्राम से चला। शराब की त्रासदी से महिलाए अधिक प्रभावित हुईशराबबंदी आन्दोलन - नशा नहीं रोज़गार दों | टिंचरी माई | उ...
मैती आंदोलन पर्यावरण से जुड़ा आंदोलन है। पर्यावरण के प्रति भावनात्मक लगाव ही इस आंदोलन का सफल होना रहा है। इस अनूठे आन्दोलन की मुहिम श्री कल्याण सिंह रावत जी ने शुरू की। Maiti Movement | Andolan |...
महाविद्यालयों के छात्रों ने संगठित होकर एक आंदोलन की शुरुआत की और प्रशासन से कुमाऊं और गढ़वाल के लिए अलग अलग विश्वविद्यालय की मांग करने लगे। धीरे धीरे ये आंदोलन अपना स्वरूप लेने लगा। कुमाऊँ - गढ़वा...
कुली बेगार का मतलब जबरन श्रम से था बिना पारिश्रमिक दिये। कुली उतार में न्यूनतम मजदूरी देय होती थी, जो कि अधिकतर दी नहीं जाती थी कुली बेगार आंदोलन | कुली उतार | कुली बर्दायश प्रथा | उत्तराखंड | Ku...
यह आंदोलन स्वतंत्रता से पूर्व का आंदोलन था। वन कानून के खिलाफ रंवाई के सभी किसान एकजुट हुये। उन्होने आजाद पंचायत की घोषणा कर रियासत के खिलाफ विद्रोह शुरू कर दिया था। Rawai or Tilari Movement | Ra...
1994 में टिहरी के भिलंगना क्षेत्र खवाड़ा गांव से शुरू हुआ यह आंदोलन धीरे धीरे आस पास के जिलों तक फैल गया। चिपको आंदोलन की तरह ही इस आंदोलन में भी महिलाओं द्वारा वृक्षों की रक्षा हेतु कदम बढ़ाये गय...
बीज बचाओ आन्दोलन का मुख्य उद्देश्य पारम्परिक बीजों का संरक्षण करना और कुछ निश्चित बीजों को बोकर व्यवसायीकरण करने का विरोध करना था। बीज बचाओ आन्दोलन | टिहरी उत्तराखंड | विजय जरधारी | Beej Bachao A...
पहाड़ी लोगो के लिये जंगल किसी वरदान से कम नहीं होता। ईंधन, भोजन,जल मवेशियों को चराना आदि कार्य जंगल के बिना पूरे नहीं हो सकते। Jhapto Chino Andolan । Uttarakhand Movement | Andolan | झपटो-छीनो आंद...
पौढ़ी गढ़वाल के उफरैंखाल गांव में 1989 में यह आंदोलन की नींव पड़ी। इसके सूत्रधार यहीं के शिक्षक व पर्यावरणविद् सच्च्दिनंद भारती जी थे। इस आंदोलन के तहत बंजर हो चुकी भूमि व जंगल को फिर से हरा करना था...
बीसवीं शताब्दी के दूसरे दशक में अंग्रेज शासकों ने पहाड़ी क्षेत्र में जंगलों की नई प्रशासनिक व्यवस्था प्रारंभ कर स्थानीय जनता के परम्परागत अधिकारों का दमन करना प्रारम्भ कर दिया पौड़ी गढ़वाल का स्व...
1940-41 के मध्य गढ़वाल में एक अशोभनीय घटना घटी जिसमें विजोली और मैन्दोली गांवों के सवर्ण लोगों ने शिल्पकारों पर हमला कर दिया, गांधी जी ने दुखी होकर सत्याग्रह गढ़वाल में बंद कर दिया पौड़ी गढ़वाल क...
वनों को बचाने के लिए चिपको नाम का सूत्रपात सन् 1973 में गढ़वाल हिमालय में स्वतन्त्र रूप से हुआ, परन्तु इससे पूर्व बिना किसी नाम के इस तरह की विधि का उपयोग ढाई सौ वर्ष पूर्व हो चुका था। चिपको आन्दो...
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
शहीद श्री देव सुमन का टिहरी रियासत के बमुण्ड पट्टी क...
21 मार्च 2022 को श्री पुष्कर सिंह धामी जी को सर्वसम्...
उत्तराखंड के लोकगायक एवं उत्तराखंड के गांधी के नाम स...
शेखर जोशी जी का जन्म अल्मोड़ा के ओलिया गांव, तहसील सो...
उत्तराखंड से आकर बॉलीवुड की सिनेमा नगरी में अपनी अवा...
बछेन्द्री पाल माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारती...
ब्रिटिश कमिश्नरी में कमिश्नर सबसे शक्तिशाली प्रशासनि...
अनुराधा निराला जी तब से उत्तराखंड की सुरीली आवाज से ...
पवेंद्र सिंह कार्की का नाम उत्तराखंड के महान लोकगायक...
बिच्छू घास दुनिया के अधिकतर देशों में पाये जाने वाली...
न्याय का वो देवता जिसकी ओर को पीठ घुमाकर पूजा की जात...
इस नृत्य की लय झोड़े की अपेक्षा अधिक विलम्बित होती ह...
उत्तराखण्ड में पत्रकारिता के अग्रणी नायक, निष्पक्ष औ...
वंशीनारायण भगवान् विष्णु को समर्पित यह देवालय गढ़वाल...
भारत-तिब्बत व्यापार का गवाह रहा गर्तांग गली मार्ग पह...
रोनाल्ड रास - अल्मोड़ा उत्तराखण्ड में जन्मा भारत का प...
गढ़वाल के 60 पंवार वंशीय राजाओं की सूची में 37वीं पी...
चमोली जिले में कितनी तहसील है - वर्जतमान में चमोली ज...
बाणासुर का किला। इसे स्थानीय लोग बानेकोट या बाणाकोट ...
लोकगायकी विधा में बैर गायकी में दो गायक से लेकर दो द...