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    समता (1935)

    Samta Newspaper Almora

    समता

    संस्थापना1935
    संस्थापकश्री हरि प्रसाद टम्टा
    भाषाहिंदी
    प्रकारसाप्ताहिक पत्र
    प्रकाशन स्थानअल्मोड़ा

    समता समाचार पत्र का प्रकाशन अल्मोड़ा से श्री हरि प्रशाद टम्टा और श्री ललता प्रसाद टम्टा द्वारा 1935 में किया गया था। यह समाचार पत्र अल्मोड़ा की टम्टा प्रिन्टिंग प्रेस से छपता था। (Samta Newspaper Almora)


    सन् 1935 से लगातार प्रकाशित होने वाला समता पत्र राष्ट्रीय आन्दोलन के युग में स्थानीय स्तर पर दलित जागृति का पर्याय बन गया। दलितोत्थान के लिए दलितों द्वारा किये गये प्रयास का क्रियान्वित रूप समता के रूप में सामने आया। अल्मोड़ा से प्रकाशित होने वाले अन्य पत्रों से समता भिन्न था, क्योंकि यह दलित पत्रिका का उदार प्रारम्भ होने के बावजूद राष्ट्रवादी पत्र नहीं कहा जा सकता था। इसके सम्पादक हरिप्रसाद टम्टा सक्रिय समाज सुधारक और दलितों के उद्धार मे रत थे। समता में जातिगत और सामाजिक भेदभाव की तीव्र आलोचना करने के साथ दलितों की आर्थिक समानता पर भी लेख प्रकाशित हुए। समता के सम्पादकों ने शिल्पकारें को ब्रिटिश सरकार का समर्थन कर उससे अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने को प्रेरित किया। अतः कांग्रेस के साथ-साथ खुशीराम, बचीराम आर्य, बलदेव आर्य आदि राष्ट्रवादी शिल्पकारों की आलोचना की।


    उत्तराखंड के शिल्पकार जाति की पहली महिला स्नातक और पहली महिला संपादक हरिप्रसाद टम्टा जी की भांजी लक्ष्मी देवी टम्टा ने 1935 से समता का सम्पादन किया। उन्होंने 15 वर्षों तक समता का सम्पादन किया। उनकी धारदार और रोचक लेखनी ने समता को उन ऊचाइयों तक पहुंचा दिया कि इसके अंक का प्रतीक्षा दलित वर्ग के अलावा सवर्ण समाज और अंग्रेज सरकार भी बड़ी बेताबी से करती थी। उनकी मृत्यु के बाद समता का संपादन जगदीश प्रसाद टम्टा ने सम्भाला।


    जगदीश प्रसाद टम्टा के बाद उनके अनुज राजेन्द्र प्रसाद टम्टा ने समता का संपादन किया। 1959 से विष्णु प्रसाद टम्टा ने समता की कमान संभाली और मृत्युपर्यन्त समता के संपादक रहे। उन्होंने समता के पुराने व नये अंकों को क्रम से सहेजकर संरक्षित किया।


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