5 सितम्बर 1942 को खुमाड़ में स्वतंत्रता सेनानियों की भीड़ में तत्कालीन इलाकाई एस.डी.एम. जानसन व गोरी पुलिस ने अंधाधुंध गोली चलाकर चार लोगों को ढेर कर दिया और कई लोग घायल हो गये।
भारत-तिब्बत व्यापार का गवाह रहा गर्तांग गली मार्ग पहाड़ों के दुर्गम चट्टानों को काटकर बनाया गया मार्ग था। यह उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले के नेलांग घाटी में स्थित है। गर्तांग गली - उत्तरकाशी | इति...
तिखौन कोट एक ऊँची पहाड़ी टीले में निर्मित है। यह टीला पूर्वी व पश्चिमी भाग में प्रकृति प्रदत है। जबकि उत्तर दक्षिण भाग में मानव द्वारा निर्मित है। वर्तमान समय में क्षेत्रीय जनता ने हनुमान मंदिर मु...
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
21 मार्च 2022 को श्री पुष्कर सिंह धामी जी को सर्वसम्...
शहीद श्री देव सुमन का टिहरी रियासत के बमुण्ड पट्टी क...
उत्तराखंड के लोकगायक एवं उत्तराखंड के गांधी के नाम स...
शेखर जोशी जी का जन्म अल्मोड़ा के ओलिया गांव, तहसील सो...
उत्तराखंड से आकर बॉलीवुड की सिनेमा नगरी में अपनी अवा...
बछेन्द्री पाल माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारती...
ब्रिटिश कमिश्नरी में कमिश्नर सबसे शक्तिशाली प्रशासनि...
बिच्छू घास दुनिया के अधिकतर देशों में पाये जाने वाली...
पवेंद्र सिंह कार्की का नाम उत्तराखंड के महान लोकगायक...
घुघुतिया त्यौहार को मकर संक्रांति भी कहा जाता है क्य...
सबसे बाद में आने वाले और बसने वाले रुहेले पठान तो उत...
मानवेन्द्र शाह राजा टिहरी रियासत के अंतिम नरेश। ब्रि...
प्राकृतिक चट्टानों, शिला खण्डों और शिला-पट्टों (पटाल...
उत्तराखण्ड के पश्चिम में स्थित बन्दरपूँछ हिमालय पर्व...
उत्तराखंड के सौरमासानित ऋतुत्सवों में सर्वप्रथम आती ...
इस राजा के और भी नाम मिले हैं। सीरा से प्राप्त चंदों...
राजा सुदर्शनशाह बहुत ही सुशील स्वभाव के थे और जल्द ह...
पाताल भुवनेश्वर गंगोलीहाट प्रकृति की अनुपम छटाओं के ...
यह गीत सामूहिक रूप से गाया जाता है। इस गीत के साथ-सा...