आ लिली बाकरी लिली | हीरा सिंह राणा | कविता | Aa Lile Bakare Lile | Hira Singh Rana | Lyrics
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
देवी भगवती मैया कोटगाड़ी की देवी मैया देवी भगवती मैय...
सुन ले दगडिया बात सूड़ी जा बात सूड़ी जा तू मेरी, हिरदी...
जल कैसे भरूं जमुना गहरी ठाड़ी भरूं राजा राम जी देखे। ...
शिव के मन माहि बसे काशी आधी काशी में बामन बनिया, आधी...
हाँ हाँ हाँ मोहन गिरधारी। हाँ हाँ हाँ ऐसो अनाड़ी चुनर...
सिद्धि को दाता विघ्न विनाशन होली खेले गिरजापति नन्द...
गोरी गंगा भागरथी को क्या भलो रेवाड़, खोल दे माता खोल ...
हरि धरे मुकुट खेले होली, सिर धरे मुकुट खेले होली-2, ...
हे रामधनी आंख्यु म छे तेरी माया रामधनी हिया म छे लाज...
कैले बांधी चीर, हो रघुनन्दन राजा। कैले बांधी गणपति ब...
साण कुल्यूॅंणों, पाकिया खेती, छोड़ी जाॅंछि धरण किसान,...
सिद्धि करत यो गणपति, राज विघन हरत यो गणपति राज, अरघ ...
हिट कौशिला मेरि गाड़ी में घुमि आली गरूड़ ला। गरूड़ लैना...
भली तेरी जन्म भूमि कुमाऊँ पहाड़ा, के भल देखनी इति गध्...
Biiroo Bhadoo ku Desh Baavan Gadoo Ku Desh | बीरू भड...
याद है, वो नन्ही नन्ही गौरेया? कैसे सुबह सुबह चीं ची...
कुछ कुछ गांव सा बाकी है अभी मेरे शहर में, कुछ कुछ पह...
बांसुई का बन, मादुरी का कन, ताला माला खन, तै दिनै का...