भवन एवं अनेक प्रकार के काष्ठोपकरणों के निर्माण के अतिरिक्त, काष्ठ का प्रयोग बरतनों को बनाने में भी किया जाता है। विशेष प्रकार के वृक्षों के काष्ठ द्वारा निर्मित लगभग सभी प्रकार के Utensils - Mad...
प्रकृति में बहुत से ऐसे पौधे मिलते हैं जिनके तनों और पत्तियों से रेशे निकालकर मनुष्य उनका उपयोग विभिन्न प्रकार की वस्तुओं के निर्माण में अज्ञात भूतकाल से करता आ रहा है। Utensils - Made by Fibers ...
मजबूत पत्तियों वाले च्यूरा, तिमला और मालू आदि के वृक्षों की चौड़ी पत्तियों को बाँस की पतली सींकों या घास की सीकों से पत्तियों को आपस में जोड़कर गोल 'पत्याले' बनाये जाते थे। Patravali | ...
स्थानीय बोली में बर्तनों को भांण या भानकुन कहा जाता है। मोटे लोहे, तांबे, पीतल, कांसे की चादरों तथा मजबूत एवं टिकाऊ लकड़ी से बने ये भांण हांलाकि आज प्रचलन से बाहर होते जा रहे हैं, Pahadi Bhankun ...
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
21 मार्च 2022 को श्री पुष्कर सिंह धामी जी को सर्वसम्...
उत्तराखंड के लोकगायक एवं उत्तराखंड के गांधी के नाम स...
उत्तराखंड से आकर बॉलीवुड की सिनेमा नगरी में अपनी अवा...
शेखर जोशी जी का जन्म अल्मोड़ा के ओलिया गांव, तहसील सो...
शहीद श्री देव सुमन का टिहरी रियासत के बमुण्ड पट्टी क...
ब्रिटिश कमिश्नरी में कमिश्नर सबसे शक्तिशाली प्रशासनि...
पवेंद्र सिंह कार्की का नाम उत्तराखंड के महान लोकगायक...
उत्तराखंड के नौजवानों ने हर स्तर पर अपने हुनर की अमि...
पवनदीप राजन ने डेढ़ साल की उम्र में अचानक थाली पर दाद...
बिच्छू घास दुनिया के अधिकतर देशों में पाये जाने वाली...
उत्तराखण्ड के उत्तर मध्य कालीन इतिहास में तराई क्षेत...
कुली बेगार का मतलब जबरन श्रम से था बिना पारिश्रमिक द...
एडविन टी. एटकिन्सन ने अपने 'हिमालयन डिस्ट्रिक्ट...
In the east of Kumaun, 35 km away from the beautiful...
गुमान सिंह रावत बचपन से ही देश भक्ति में लीन रहते थे...
टिंचरी माई (दीपा नौटियाल) का जन्म पौढ़ी गढ़वाल के दूध...
सोबन सिंह जीना जी की प्रारम्भिक शिक्षा बिसौली जिला अ...
पाताल भुवनेश्वर गंगोलीहाट प्रकृति की अनुपम छटाओं के ...
नथ को पूरे भारत में सभी जगह पहना जाता है पर उत्तराखं...