अगर Sorry अंग्रेजी का विलक्षण शब्द है तो 'बल' गढ़वाली का। 'बल' से एक तटस्थता का भाव भी झलकता है। निर्विकार, निर्लिप्त। यह भाव गढ़वालियों की भाषा से शनै:शनै: उनके जीवन-दर्शन मे...
भारत क मध्य पहाड़ी क्षेत्र के अन्तर्गत उत्तराखण्ड प्रदेश को दो मण्डलों में बाँटा गया है। इस पहाड़ी प्रदेश की प्रमुख दो भाषाएं हैं - कमाउनी और गढ़वाली। Progress Journey of Garhwali Language | गढ़वा...
गढ़वाली लोक साहित्य लोक जन की अनुभूतिजन्य, सहज, सरल, स्वाभाविक अभिव्यक्ति है जिसमें जीवन मूल्यों की अभिव्यक्ति अनायास ही हुई है। चाहे वह लोक गीत हों, लोक कथा या लोक गाथा। Life Value in Garhwali Fo...
यह गढ़वाली लोक गीत स्वयं में अनूठा कलेवर धारण किये हुए है। इसमें एक साथ अनेक मूल्यों की प्रतिष्ठा हुई है। चोरी न करना नैतिक मूल्य है, तम्बाकू न पीना सामाजिक मूल्य, ईर्ष्यालु न होना नैतिक वैयक्तिक ...
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
शहीद श्री देव सुमन का टिहरी रियासत के बमुण्ड पट्टी क...
21 मार्च 2022 को श्री पुष्कर सिंह धामी जी को सर्वसम्...
उत्तराखंड के लोकगायक एवं उत्तराखंड के गांधी के नाम स...
शेखर जोशी जी का जन्म अल्मोड़ा के ओलिया गांव, तहसील सो...
उत्तराखंड से आकर बॉलीवुड की सिनेमा नगरी में अपनी अवा...
बछेन्द्री पाल माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारती...
ब्रिटिश कमिश्नरी में कमिश्नर सबसे शक्तिशाली प्रशासनि...
अनुराधा निराला जी तब से उत्तराखंड की सुरीली आवाज से ...
पवेंद्र सिंह कार्की का नाम उत्तराखंड के महान लोकगायक...
बिच्छू घास दुनिया के अधिकतर देशों में पाये जाने वाली...
सन् 1935 से लगातार प्रकाशित होने वाला समता पत्र राष्...
नथ को पूरे भारत में सभी जगह पहना जाता है पर उत्तराखं...
आठूं पर्व के दिनों गौरा-महेश्वर की विदाई के दिन यह ल...
क्योकि ज्ञानचंद का प्रथम तामपत्र-अभिलेख 1698 ई. का प...
गढ़वाली भाषा के प्रथम नाटककार प. भवानी दत्त थपलियाल क...
सबसे बाद में आने वाले और बसने वाले रुहेले पठान तो उत...
रामदत्त जोशी जोशी जी की प्रारम्भिक शिक्षा घर पर ही ह...
रानीखेत हमेशा से ही अंग्रेजों और पर्यटकों का मुख्य क...
1940-41 के मध्य गढ़वाल में एक अशोभनीय घटना घटी जिसमे...
भवन एवं अनेक प्रकार के काष्ठोपकरणों के निर्माण के अत...