नानि-भौ भुखै डाड़ मारी वे हो हीरू घर ऐजा वै, घाम ओछैगौ पड़ी रुमुकी हो सुवा घर ऐजा वै नानि-भौ भुखै डाड़ मारी वे | नानि-भौ भुखै डाड़ मारी वे - गोपाल बाबु गोस्वामी | Nani Bhau Bhuke Dadh Mal...
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
देवी भगवती मैया कोटगाड़ी की देवी मैया देवी भगवती मैय...
सुन ले दगडिया बात सूड़ी जा बात सूड़ी जा तू मेरी, हिरदी...
जल कैसे भरूं जमुना गहरी ठाड़ी भरूं राजा राम जी देखे। ...
शिव के मन माहि बसे काशी आधी काशी में बामन बनिया, आधी...
हाँ हाँ हाँ मोहन गिरधारी। हाँ हाँ हाँ ऐसो अनाड़ी चुनर...
सिद्धि को दाता विघ्न विनाशन होली खेले गिरजापति नन्द...
गोरी गंगा भागरथी को क्या भलो रेवाड़, खोल दे माता खोल ...
हरि धरे मुकुट खेले होली, सिर धरे मुकुट खेले होली-2, ...
हे रामधनी आंख्यु म छे तेरी माया रामधनी हिया म छे लाज...
कैले बांधी चीर, हो रघुनन्दन राजा। कैले बांधी गणपति ब...
झुमुरा की घान म्यार् सम्दी सोबान सन् इक्सठि में पैद ...
जमुना तट राम खेलें होरी, जमुना तट श्याम खेलें दौड़ि द...
प्यारा, भज भक्तन के हितकारी सिरी कृष्ण मुरारी हाँ हा...
जहाँ न बस्ता कंधा तोड़े, ऐसा हो स्कूल हमारा, जहाँ न प...
तेरी सैंदाण समाळी सिराणा धरीं चा आँखा बूजी छौं सौंदि...
मलत मलत नैना लाल भये सखी डारो नयन में गुलाल बय्यां म...
Bolaa Bhai-Bandhoo Tumathain Hanoo Uttarakhand | बोल...
गढ़ छोड़ि दे लंका रावन, लंका जैसो कोट हमारो, समुंदर जै...
म्यौर मुलुक कदुक प्यारा, डान काना बै ज्यूनि हँसै छौ,...