नाई-सुप-माण नै, एक गास दिनै रै।
भाई को भरौस होल, तू आस दिनै रै।
जनम माङणै रै जाँ भाग में जै र्वट नि भयो,
कैक दिईयल कांलै भरी करम में जै ट्वट भयो।
फिरि लै कमर बादनी हरसै-हरस मैंस,
उमर जै गुजारि दिनी भरौसै भरौस मैंस।
मैं लै दिन काटि ल्यूंल शाबास कूनै रै।
भाई को भरौस होल, तू आस दिनै रै।
टिटरी जो लेख पड़ै लेख कैकी नि हरीन,
सुख में लै डुबै दिछै मन फिरि लै नि भरीन।
दुख में जीवन डुबलो ज्ञान बै लै ज्ञान फुटल,
भिनेर में सुन तपलो सुन बै लै सुन छुटल।
मैं बटाव बणुल तु बास दिनै रै।
भाई को भरोस होल तू आस दिनै रै।
तू सुखलै जै नवै देली मैं सुखै में मरि रूंल,
मनखियकि धरती में द्याप्त जौ बणि रूंल।
यो दुनी में ऐभेर लै मैं दुनी कैं के जाणुल?
जो मनखियै पीड़ छू उ पीड़ कसी पछ्याणुल?
मैं दुख ठेलुंल तू शाबास कूनै रै।
भाई को भरौस होल तू आस दिनै रै।
पुरूषों भाग माजी दुख सुख ऊनै रूनी,
तराजुक पाल छन जो तलि मलि हुनै रूनी।
जो दुखलै बुणी रूनई उलैकी मनखियै छन,
जो आँसूकि आँचुइ पिनई उलैकी मनखियै छन।।
मैं काटुंल उकाव तू साहस दिनै रै।
भाई को भरोस होल तू आस दिनै रै।
आसै ल्हि बेर सूरज लैकी सदियों बै जलना,
आसै ल्हि बेर मनखी लैकी दिन रात चलना।
आसै ल्हि बेर पराणि ऊनै आसै ल्हि बेर चलनै,
रोज मनखी चित लगूना रोज पराणि जनम ल्हिनै।।
यो अमर आस में, मिठास दिनै रै।
नाई-सुप-माण नै, एक गास दिनै रै।
भाई को भरौस होल, तू आस दिनै रै।