Folk Songs


    खोल दे माता खोल भवानी धरम केवाड़

    गोरी गंगा भागरथी को क्या भलो रेवाड़
    खोल दे माता खोल भवानी धरम केवाड़।
    कै ले रैछै भेठ बैणा म्यारा दरबारा,
    द्वी जौया बाकार लायूं त्यारा दरबारा।
    क्े लै रैछे भेट बैणा के खौलूं केवाड़,
    द्वी ज्वाड़ा निसाण लायूं त्यारा दरबारा।
    गोरि गंगा भागरथी को क्या भलो रेवाड़
    खोल दे माता खोल भवानी धरम केवाड़।
    के लै रैछै भेट बैणा के खोलूं केवाड़,
    चांदी कौ दियड़ो लायूं त्यारा दरबारा।
    खोल दे माता खोल भवानी धरम केवाड़।
    गोरि गंगा भागरथी को क्या भलो रेवाड़


    हिंदी

    गोरी गंगा और भागीरथी का क्या भला है तटप्रांत,
    खोल दो माता, खोलो भवानी, धर्म के किवाड़।
    क्या लाई हो भेंट बहन, मेरे दरबार में,
    छो जुड़वे बकरे लाई हूं, तुम्हारे दरबार में
    क्या लाई हो भेंट बहन, क्यों खोलूं किवाड़
    दो जोड़ी ध्वजाएं लाई हूं, तुम्हारे दरबार में
    गोरी गंगा और भागीरथी का क्या भला है तटप्रांत,
    खोल दो माता, खोलो भवानी, धर्म के किवाड़
    दो जोड़ी नगाड़े लाई हूं, तुम्हारे दरबार में
    खोल दो माता खोलो भवानी धर्म के किवाड़
    क्या लाई हो भेंट बहन, क्यों खोलूं किवाड़
    सेने का छत्र लाई हूं, तुम्हारे दरबार में
    खोल दो माता खाोलो भवानी धर्म के किवाड़
    क्या लाई हो भेंट बहन, क्यों खोलूं किवाड़
    चांदी का दीपक लाई हूं तुम्हारे दरबार में
    खोल दो माता, खोलो भवानी धर्म के किवाड़
    गोरी गंगा और भागीरथी का क्या भला है तटप्रांत।

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