द्रुपद राजा ने यज्ञ कियो है द्रोपदी ब्याह रचाना, कैसो परण उठाना ।।2।।
हाँ हाँ हाँ हाँ कैसो परण उठाना ।।1।।
देश - देशन के भूपति आए, आए सब बलवाना, कैसो परण ।।
हाँ हाँ हाँ हाँ कैसो परण उठाना ।।
नीचे तेल कड़ाह भरी है, ऊपर धरो है निशाना, कैसो परण ।।
हाँ हाँ हाँ हाँ कैसो परण उठाना ।।
कन्या द्रोपदी विनय करति है, लाज धरो भगवाना,कैसो परण ।।
हाँ हाँ हाँ हाँ कैसो परण उठाना ।।
ब्राह्मण वेश में पाण्डव आए, अर्जुन मारो निशाना, कैसो परण ।।
हाँ हाँ हाँ हाँ कैसो परण उठाना ।।
सकल सभा मन सकुच भई है, भूपति मन हरसाना, कैसो परण ।।
हाँ हाँ हाँ हाँ कैसो परण उठाना ।।
द्रुपद - सुता को ब्याह भयो है, घर घर सुयश बखाना, कैसो परण ।।
हाँ हाँ हाँ हाँ कैसो परण उठाना ।।