शीर्षक - उत्तराखंड देवभूमि मातृभूमि, शत शत वंदन अभिनन्दन।
गीतकार - हेमंत बिष्ट
गायक - नरेन्द्र सिंह नेगी और अनुराधा निराला
संगीत - नरेन्द्र सिंह नेगी
गीत की अवधी - 9 मिनट
अनावरण - 6 फरवरी 2016
वर्ष 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत जी द्वारा राज्यगीत बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया। जिसमें लक्ष्मण सिंह बटरोही जी को कमेटी का अध्यक्ष और नरेन्द्र सिंह नेगी जी को उपाध्यक्ष नियुुक्त किया गया। विज्ञापन द्वारा देश के जनमानस से गीत लिखने और अपनी प्रविष्टियां भेेजने के लिए कहा गया। अंतिम तिथि तक देश भर से 203 प्रविष्टियां प्राप्त हुई। सारी प्रविष्टियों में से नैनीताल निवासी हेमंत बिष्ट जी के गीत को चुना गया। 6 फरवरी 2016 को देहरादून में मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री हरीश रावत की उपस्थिति में राज्यगीत का लोकार्पण किया गया। इस गीत का एक संक्षिप्त रूप भी तैयार करने की बात हुई। गीत का मुखड़ा हिन्दी और अंतरा गढ़वाली तथा कुमाउनी में रखा गया है।
उत्तराखंड देवभूमि-मातृभूमि
शत-शत् वंदन अभिनंदन
दर्शन, संस्कृति, धर्म, साधना
श्रम रंजित तेरा कण-कण.
अभिनंदन अभिनंदन
उत्तराखंड देवभूमि....
गंगा-यमुना तेरा आंचल
दिव्य हिमालय तेरा शीश
सब धर्मों की छाया तुझ पर
चार धाम देते आशीष
श्री बदरी, केदारनाथ हैं
श्री बदरी, केदारनाथ हैं
कलियर, हिमकुंड अति पावन.
अभिनंदन अभिनंदन
उत्तराखंड देवभूमि.....
अमर शहीदों की धरती है, थाती वीर जवानों की
आंदोलनों की जननी है ये, कर्मभूमि बलिदानों की
फूले-फले तेरा यश वैभव, तुझ पर अर्पित है तन-मन
अभिनंदन अभिनंदन
उत्तराखंड देवभूमि.....
रंगीली घाटी शौकों की या
मंडुवा झुंगुरा भट अन्न-धन
रुम-झुम-रुम-झुम, झुमैलो-झुमैलो
ताल, खाल, बुग्याल, ग्लेशियर
दून तराई भाबर बण
भांटि-भांटि लगै गुजर है चाहे
भांटि-भांटि लगै गुजर है चाहे
फिर ले उछास भरै छै मैन
अभिनंदन अभिनंदन
उत्तराखंड देवभूमि.....
गौड़ी-भैंस्यूंन गुंजदा गुठयार
ऐपण सज्यां हर घर हर द्वार
काम-धाण की धुरी बेटी ब्वारी
कला प्राण छन शिल्पकार
बण पुंगड़ा सेरा पंदेरो मां
बण पुंगड़ा सेरा पंदेरो मां
बंटणा छन सुख-दुख संग-संग
अभिनंदन अभिनंदन
उत्तराखंड देवभूमि.....
कस्तूरी मृग, ब्रह्मकमल है
फ्यूंली, बुरांस, घुघती, मोनाल
रुम-झुम-रुम-झुम, झुमैलो-झुमैलो
ढोल नगाड़े, दमुवा हुड़का
रणसिंघा, मुरली सुर-ताल
जागर, हारुल, थड्या, झुमैलो
ज्वाड़-छपेली पांडव नर्तन.
अभिनंदन अभिनंदन
उत्तराखंड देवभूमि.....
कुंभ, हरेला, बसंत, फूलदेई
उत्तरैणी कौथिग नंदा जात
सुमन, केसरी, जीतू, माधो
चंद्रसिंह वीरों की थात
जियारानी तीलू रौंतेली
जियारानी तीलू रौंतेली
गौरा पर गर्वित जन-जन
अभिनंदन अभिनंदन
उत्तराखंड देवभूमि.....