रोहित चौहान |
उत्तराखंड के मशहूर सिंगर रोहित चौहान बहुत ही कम उम्र से लोकगीत और पहाड़ी गाने गा रहे हैं। अपनी माँ के साथ मिलकर अभी तक उन्होंने दर्जनों स्टेज शो और एलबम बना ली हैं।
बचपन
रोहित का जन्म 10 अप्रैल 1995 में नोएडा में हुआ था । उनके पिता का नाम राजेंद्र चौहान और माँ का नाम कल्पना चौहान है। नोएडा से ही उन्होंने अपनी शिक्षा शुरू की। नोएया उत्तराखंड पब्लिक स्कूल से उन्होंने पहली से लेकर बारहवीं तक की शिक्षा ली और फिर अब वह गंदर्भ महाविद्यालय से संगीत में आगे की पढ़ाई कर रहे हैं। अभी उनका चौथा सेमेस्टर चल रहा है। रोहित के पिता राजेंद्र चौहान पेशे से म्यूजिक डायरेक्टर हैं और उनका एक बड़ा भाई है जो मुंबई में सिनेमेटोग्राफर है।
संगीत की शुरुआत
रोहित को बचपन से ही घर में संगीत से भरा माहौल मिला और इस कारण उसकी दिलचस्पी भी संगीत में होने लगी। माँ कल्पना पूरे समय गाना गाती थीं और म्यूजिक डायरेक्टर होने के कारण उनके पिता जी भी उनका साथ देते थे, इसलिए रोहित को कहीं भी बाहर ट्रेनिंग लेने की जरूरत नहीं पड़ी। रोहित का कहना है कि नोएडा में रहने के बाद भी मैं पूरी गढ़वाली बोल लेता हूं, क्योंकि मेरे घर का माहौल ऐसा है जैसे किसी उत्तराखंड में बसे गांव का। हम लोग गढ़वाली में बात करते हैं और उससे जुड़ी बातों पर भी चर्चा करते हैं।
करियर
रोहित चौहान 7 साल से गाना गा रहे हैं और उनकी पहली एलबम 2005 में बाजार में आई थी। उनकी इस एलबम का नाम था शीला बौ। उस समय रोहित काफी छोटे थे इसलिए उनकी आवाज को लोगों ने काफी पसंद किया। उसके बाद 2005 में उनकी दूसरी एलबम मेरी मांजी रिलीज हुई जो काफी हिट रही।
स्टेज शो
रोहित का कहना है कि उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा स्टेज शो दिल्ली का था जिसमें हजारों लोगों ने उनका गाना सुनकर उन्हें सराहा था। उन्हें गर्व है कि वह उत्तराखंड के गीतों को लोगों तक पहुंचा रहे हैं और वहां की सस्कृति से लोगों को रूबरू करा रहे हैं। पिछले साल रोहित ने मायानगरी मुंबई में भी गढ़वाली गाने गाए थे जिसमें उनके साथ बॉलीवुड अभिनेत्री उर्वशी रौतेला ने भी उत्तराखंडी गीत गाया था।
हमसे वाट्सएप के माध्यम से जुड़े, लिंक पे क्लिक करें: वाट्सएप उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
हमारे YouTube Channel को Subscribe करें: Youtube Channel उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि