कुमाऊँ मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड (केमू) | |
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स्थापना | 1939 |
मुख्यालय | काठगोदाम |
संक्षिप्त नाम | कुमाऊँ मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड | प्रचलित नाम | केमू, K.M.O.U |
क्षेत्र | कुमाऊँ |
प्रकार | लिमिटेड कम्पनी |
उद्योग | परिवहन |
अध्यक्ष | श्री सुरेश सिंह डसीला |
वेबसाइट | www.kmoultd.com |
केमू की स्थापना 1939 में 13 कम्पनियों को विलय कर एक निजी कम्पनी कुमाऊँ मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड के रूप में हुई। स्वतंत्रता से पूर्व केमू लिमिटिड पहली एकमात्र कम्पनी थी जिसकी बसें पूरे कुमाऊँ में दौड़ा करती थी।
इतिहास
⚬ 1915 - कुमाऊँ क्षेत्र में सर्वप्रथम मोटर यातायात की शुरूआत नैनीताल-काठगोदाम के बीच हुई।
⚬ 1920 - मुंशी लालता प्रसाद टम्टा द्वारा 'हिल मोटर ट्रांसपोर्ट कम्पनी' की स्थापना करी गयी। जिसके अंदर हल्द्वानी और काठगोदाम से अल्मोड़ा और रानीखेत तक लारियाँ चलती थी।
⚬ 1922 - हिल मोटर ट्रांसपोर्ट कम्पनी स्थापना के कुछ समय बाद 'द कुमाऊँ मोटर सर्विस कम्पनी' नामक कम्पनी की शुरुआत और 1922 में देवी लाल साह गंगा राम को हस्तांतरित कर दी गयी। इसी अंतराल में तीसरी कम्पनी जो कि 'ब्रिटिश इंडिया कारपोरेशन कम्पनी' शाखा 'नैनीताल मोटर ट्रांसपोर्ट कम्पनी' नाम से खुली। उस समय 'नैनीताल मोटर ट्रांसपोर्ट कम्पनी' के पास 88 वाहनों का समूह था। इसी साल चौथी कम्पनी ठेकेदार नारायण दास हंसराज द्वारा प्रारम्भ की गयी।
इसी प्रकार 1936 तक पूरे कुमाऊँ में 13 परिवहन कम्पनियाँ पंजीकृत हो गयी थी। जिनकी मोटर गाड़ी काठगोदाम, रानीखेत, नैनीताल, भवाली और अल्मोड़ा चला करती थी। 13 कम्पनी की आपसी प्रतिस्पर्द्धा के कारण इन्हें हानि उठानी पड़ती थी। 1939 में विदेशी बाहुल्य कम्पनी नैनीताल मोटर ट्रांसपोर्ट कम्पनी डूब गई। जिसे बनाने में पं. गोविन्द बल्लभ पन्त जैसे लोगों का हाथ रहा। कुमाऊँ क्षेत्र में परिवहन व्यवस्था विकास और लाभ बढ़ाने के उद्देश्य से 13 निजी परिवहन कम्पनियों को विलय करके सन् 1939 में 'कुमाऊँ मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड' (के.एम.ओ.यू.लि.) की स्थापना की गयी। कुमाऊँ मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड की पहली बैठक 1939 में फोंसेका एस्टेट, काठगोदाम में तात्कालिक कम्पनी महाप्रबंधक श्री ई.जे.डा फोंसेका की अध्यक्षता में 23 प्रस्ताव पारित करे गए थे। प्रस्तावों में मुख्य रूप से काठगोदाम में संगठन के प्रमुख कार्यालय की स्थापना और कुमाऊं क्षेत्र में चेक-पोस्ट और स्टेशन स्थापित करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके बाद सार्वजनिक परिवहन के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए हेड ऑफिस और विभिन्न चेक-पोस्ट/स्टेशनों का निर्माण किया गया था। इसकी दो शाखाएं रामनगर और टनकपुर में खोली गयी जिससे कुमाऊँ क्षेत्र में यात्रियों का परिवहन बढ़ा और साथ ही अनाज, वन उत्पादन और सब्जी उत्पादन भी बड़ा। कुमाऊँ में रोडवेज (उत्तर प्रदेश परिवहन निगम) वर्तमान में उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसें आजादी के बाद ही चली और सन 1947 के बाद ही बसें, ट्रक, लॉरियाँ इत्यादि अल्मोड़ा-रानीखेत से आगे जाने लगे। Kumaon Motor Owners Union Limited - KMOU History
स्टेशन
वर्तमान में केमू के 7 मुख्य स्टेशन है और 24 सब-स्टेशन हैं। मुख्य स्टेशन:
1. हल्द्वानी
2. बागेश्वर
3. रामनगर
4. चम्पावत
5. रानीखेत
6. अल्मोड़ा
7. पिथौरागढ़
सब-स्टेशन: नैनीताल, जागेश्वर, बैजनाथ, शामा-लीती, कांडा, बेरीनाग, थल, डीडीहाट, धारचूला, देवीधूरा, रामगढ़, बिनसर महादेव, कौसानी, सोमेश्वर, कपकोट, सांग-मुनार, चौकोड़ी, गंगोलीहाट, जौलजीबी, मुनस्यारी, मोरनौला, मुक्तेश्वर, भिकियासैंण और द्वाराहाट। Kmou Stations
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