अजय भट्ट | |
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जन्म | मई 01, 1961 |
जन्म स्थान | रानीखेत, अल्मोड़ा |
पिता | श्री कमलापति भट्ट |
पत्नी | श्रीमती पुष्पा भट्ट |
बच्चे | 3 पुत्रियाँ, 1 पुत्र |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ |
शिक्षा | एल.एल.बी. |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
अजय भट्ट भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता है और वकील है। वह वर्तमान में उत्तराखंड के नैनीताल- उधम सिंह नगर सीट से लोकसभा सांसद है। वह उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी रह चुके है। उन्हें 07 जुलाई, 2021 पीएम मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री बनाया गया है। वह मूलतः हल्द्वानी, नैनीताल के रहने वाले है।
व्यक्तिगत जीवन
श्री अजय भट्ट का जन्म 1 मई 1961 को अल्मोड़ा जिले के रानीखेत क्षेत्र में हुआ था। उनका पैतृक गांव ढंकाल है जो अल्मोड़ा ज़िले के द्वारहाट में स्थित है। उनके पिता का नाम कमलापति भट्ट था। अजय भट्ट ने अल्मोड़ा कॉलेज (उत्तराखंड रेजिडेंशियल यूनिवर्सिटी) से बी.ए एलएलबी का पाँच वर्षीय स्नातक कोर्स किया था।
अजय भट्ट जब काफी युवा थे तभी उनके पिता का निधन हो गया था और उनके दो भाइयों का भी कुछ समय बाद ही निधन हो गया था किन्तु उन्होंने हार नहीं मानी अपने कंधो पर ज़िम्मेदारी लेते हुए अपने बड़े भाई के साथ परिवार को आगे बढ़ाया। पिता के निधन के बाद उनको काफी आर्थिक दिक्कत का सामना करना पड़ा जिसके चलते उन्होंने कम उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने कॉलेज में मेस चला कर अपनी पढ़ाई पूरी करी और इसके साथ ही उन्होंने चाय की दुकान लगाई और बिंदी एवं चूड़ियों को बेचने का काम भी किया। उनके बड़े भाई एक रिटायर्ड इंडियन रेवेन्यू अफसर है और वह पिथौरागढ़ में अपने परिवार के साथ रहते है।
अपने जीवन के संघर्ष वाले दिनों में अजय भट्ट ने प्रसिद्द माँ दूनागिरी मंदिर एवं हैदाखान बाबाजी मंदिर में बिंदी एवं चूड़ियों को बेचने का काम किया और इसके साथ-साथ उन्होंने सब्जियां बेचने का काम भी किया। आगे चलकर उन्होंने कई अन्य तरह की दुकाने में खोली और अपने परिवार के भरण-पोषण और उसी समय साथ-साथ अपनी पढ़ाई भी पूरी करी।
वर्ष 1986 में उन्होंने पुष्पा भट्ट से शादी करी। अजय भट्ट और पुष्पा भट्ट की तीन बेटियां और 1 बेटा है। आगे चलकर पुष्पा और अजय भट्ट ने मिलकर वकालत करी। पुष्पा भट्ट एक पूर्व जज है और वर्तमान में नैनीताल हाई कोर्ट में वकालत करती है। अजय भट्ट भी एक मशहूर और काबिल वकील के तौर पर अपने आप को सिद्ध कर चुके है और उन्होंने जनता के हित में कई जनहित याचिकाओं के ज़रिये न्याय की लड़ाई भी लड़ी है। वकालत के पेशे में आने के बाद उन्होंने समाज के प्रति अपने कर्त्तव्य का बोध हुआ और उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर काम करने सोची जिससे वह अधिक जनसेवा कर सकें।
राजनैतिक जीवन
सन 1985 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा में शामिल होकर राजनीति की शुरुआत करी। अपने अथक संगठन परिश्रम के दम पर वह जल्द ही भारतीय जनता युवा मोर्चा उत्तर प्रदेश इकाई की वर्किंग कमिटी के सदस्य बन गए। आगे चलकर उन्होंने रानीखेत और बिखियासिन तहसील समन्वयक के तौर पर ज़िम्मेदारी सँभाली। उन्होंने अल्मोड़ा ज़िले के संगठन मंत्री के तौर पर भी काम किया है। सन 1985 से ही उन्हें भाजपा राज्य कार्यकारणी की सदयस्ता प्राप्त है।
उत्तरांचल राज्य निर्माण आंदोलन में अजय भट्ट की सक्रिय एवं अहम भूमिका देखने को मिली। इसी आंदोलन के तहत बानी उत्तरांचल संघर्ष समिति के वह अग्रणी सदस्य भी रहे। वर्ष 1996 से 2007 तक वह रानीखेत विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रह चुके है। वह उत्तराखंड सरकार में कई विभागों के मंत्री रह चुके है। साल 2012 तक 2017 तक वह उत्तराखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रहे। साल 2015 में उन्हें सर्वसम्मति से भाजपा का उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष चुना गया। उन्होंने विधानसभा की पब्लिक एकाउंट्स कमिटी के चेयरमैन के तौर पर भी काम किया है।
साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बावजूद वह कांग्रेस की इंदिरा हृदेश से चुनाव हार गए। साल 2019 में वह नैनीताल- उधम नगर लोकसभा सीट से पहली बार सांसद चुने गए। उन्होंने पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत को 3,39,096 वोटों के भारी अंतर से हराया था। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तराखंड भाजपा प्रदेश प्रभारी का पदभार सँभाला था और पार्टी की जीत में अहम भूमिका निभाई।
अजय भट्ट को उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ एवं कर्मठ नेता के तौर पर जाना जाता है। 2017 विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपने नाम पर एक चुनावी नारा दिया था जो काफी मशहूर हुआ था। वह नारा था - "सबकी एक ही रट ... अजय भट्ट ...... अजय भट्ट।|" वर्तमान में वह भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारणी में प्रदेश का प्रतिनिधित्व भी करते है।
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