मंगलेश डबराल (16 मई, 1948): गाँव काफलपानी, जुवा पट्टी, टिहरी गढ़वाल। दिल्ली आकर 'हिंदी पेट्रियट', 'प्रतिपक्ष' और 'आसपास' में काम करने के बाद भोपाल में 'पूर्वग्रह' के सहायक सम्पादक। छह साल इलाहाबाद और लखनऊ से प्रकाशित 'अमृत प्रभात' में साहित्य सम्पादन। 1983 में दैनिक 'जनसत्ता' संपादक का पद संभाला। कुछ समय सहारा समय में संपादक के पद में रहने के बाद नेशनल बुक ट्रस्ट से जुड़ गए।
समसामयिक विषयों पर धारदार लेखन के लिए चर्चित पत्रकार एवं लेखक की मुख्या कृतिया है।
कविता
'पहाड़ पर लालटेन' (1981), घर का रास्ता (1988), हम जो देखते हैं (1995), आवाज भी एक जगह है (2000); एक यात्रा डायरी एक बार 'आयोवा' (1996), मुझे दिखा एक मनुष्य, नए युग में शत्रु, कवि ने कहा
गद्य-संग्रह
लेखक की रोटी (1997), कवि का अकेलापन।
संपादन
रेतघड़ी (राजस्थान के शिक्षक कवियों की कविताएँ), कविता उत्तरशती (पचास वर्षों की प्रतिनिधि कविताओं का संकलन)
अनुवाद
विश्व कविता से बेर्टोल्ट ब्रेष्ट, हांस माग्नुस ऐंत्सेंसबर्गर, यानिस रित्सोस, ज्बग्नीयेव हेर्बत, तदेऊश रूजेविच, पाब्लो नेरूदा, एर्नेस्तो कार्देनाल, डोरा गाबे, स्तांका पेंचेवा आदि की रचनाओं के अनुवाद किए। जर्मन उपन्यासकार हेरमन हेस्से के उपन्यास 'सिद्धार्थ' ओर बांग्ला कवि नवारुण भट्टाचार्य के संग्रह 'यह मृत्यु उपत्यका नहीं है मेरा देश' के सह-अनुवादक। प्रायः सभी भारतीय भाषाओं के अलावा अंग्रेजी, रूसी, जर्मन, स्पेनी, पोल्स्की और बल्गारी आदि विदेशी भाषाओं में डबराल जी की कविताओं के अनुवाद प्रकाशित हो चुके हैं।
यात्रा डायरी
एक बार आयोवा
पटकथा लेखन
नागार्जुन, निर्मल वर्मा, महाश्वेता देवी, यू.आर. अनंतमूर्ति, कुर्रतुल ऐन हैदर तथा गुरुदयाल सिंह पर केंद्रित वृत्त चित्रों का पटकथा लेखन।
सम्मान
ओमप्रकाश स्मृति सम्मान (1982), श्रीकान्त वर्मा पुरस्कार (1989), शमशेर सम्मान (1995) और 'पहल' सम्मान (1996), वर्ष 2000 के साहित्य अकादमी पुरस्कार और 'आधारशिला' पुरस्कार 2001 से सम्मानित हैं मंगलेश जी। 'पहल' सम्मान पाने वाले आप टिहरी जिले के दूसरे कवि हैं। 1988 में बल्गारिया और तत्कालीन चेकोस्लोवाकिया की यात्रा और कविता पाठ। 1991 में तीन महीने के लिए अमेरिका के आयोवा विश्वविद्यालय में इंटरनेशनल राइटिंग प्रोग्राम की फेलोशिप और कुछ शहरों की यात्रा। 1996-97 में मास्को, मॉरीशस और नेपाल की यात्राएं और कविता पाठ। साहित्य, सिनेमा, संचार माध्यम और संस्कृति के सवालों पर लेखन।
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