इस वाद्य का प्रयोग वैवाहिक अवसरों पर किया जाता है। चमड़े के थैले पर पांच पाईप लगे होते हैं। एक पाईप से थैले के अन्दर हवा भर दी जाती है और दूसरे पाईप को बांसुरी के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। शेष तीन पाईप सहायक नाद उत्पन्न करते है। जो कि कांधे की ओर खडे होते हैं। भारतीय सेना में भी इसका प्रयोग होता है। यह वाद्य वर-यात्राओं में विशेष रूप से प्रयुक्त होता है।
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