उत्तराखंड का द्वितीय सबसे ऊंचा पर्वत शिखर कामेट समुद्र तल से 7,756 मी. की ऊंचाई पर गढ़वाल क्षेत्र के चमोली जिले में स्तिथ है। यह भारत-तिब्बत सीमा के पास स्तिथ है। तिब्बत में इसे 'कांग्मेद' कहकर पुकारा जाता है।
कामेट तीन पर्वत शिखरों से घिरा है - 1. अबी गामीन (7,355 मी.), माणा पर्वत (7,272 मी.) और मुकुट पर्वत(7,242 मी.)। कामेट के ग्लेशियर से सरस्वती नदी (पश्चिमी ग्लेशियर से) व धौलीगंगा नदी (पूर्वी ग्लेशियर से) का उद्गम होता है, जो कि अलकनंदा नदी की सहायक नदियां है।
कामेट पर पर्वतारोही 1855 से ही आरोहण करने का प्रयास करते रहे, परन्तु प्रथम आरोहण फ्रेंक स्मिथ (frank Smyth), एरिक शिप्टोन (Eric shooting), आर.एल.हौलडसवर्थ( R.L .Holdsworth) व लेवा शेरपा (Lewa sherpa) द्वारा 21 जून 1931 में किया गया।
द्वितीय आरोहण 1955 में मेजर नरेंद्र जुयाल के नेतृत्व में दार्जिलिंग के हिमालय पर्वतारोहण संस्थान की टीम को मिला। उसके पश्चात 2009 में भी हरियाणा के माउंटेनियरिंग एवं एलाइड स्पोर्ट्स एसोसियन के सदस्यों ने कामेट पर आरोहण किया।
13 जून 1952 में लूखेन जॉर्ज और विक्टर रसेन बर्गर व अन्य सदस्यों द्वारा प्रथम बार चौखम्बा 1 में चढ़ाई की गई। इससे पहले 1938 व 1939 में इसपर आरोहण का प्रयास किया गया था परंतु दोनों बार असफलता हाथ लगी थी।
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