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    डोबरा चांठी पुल

    Dobra-Chanti Bridge

    डोबरा-चांठी पुल

    स्थानटिहरी गढ़वाल
    लम्बाई725 मीटर
    समुंद्र तल से ऊँचाई850 मीटर
    लागतलगभग 3 करोड़

    डोबरा-चांठी पुल टिहरी गढ़वाल में स्थित है। 725 मीटर लम्बा यह पुल भारत और उत्तराखंड का सबसे लम्बा सिंगल लेन मोटरेबल सस्पेंशन पुल है। टिहरी झील पर बने इस पुल के निर्माण से इस क्षेत्र की बहुत बड़ी आबादी को इसका लाभ मिलगा साथ ही यह क्षेत्र पर्यटकों को भी अपनी तरफ आकर्षित करेगा।


    2005 में टिहरी बांध की टी-2 सुरंग बंद होने से पुरानी टिहरी जलमग्न हो गई थी। सिमलासू, सिराई और कंडल पुल डूबने से झील से उस पार बसे प्रतापनगर और गाजणा पट्टी के सैकड़ों गावों में आवागमन की सुविधा बंद हो गई थी। यहां से ऋषिकेश पहुंचने के लिए लगभग 215 कि.मी. अधिक का रास्ता तय करना पड़ रहा था जो की पुल बन्ने से 90 कि.मी. कम हो गयी हैं। स्थानीय लोगों के दबाव के कारण 2006 की तत्कालीन नारायण दत्त की सरकार ने डोबरा-चांठी पुल के निर्माण के लिए प्रस्ताव पारित किया। पुल का डिज़ाइन फैल होने पर 2015 में हरीश रावत सरकार ने पुल निर्माण पूरा करने के लिए इस झूला पुल को कोरियाई योसिन इंजीनियरिंग कोरपोरेशन कंसलटेंट कम्पनी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी, लेकिन तकनीकी कारणों से पुल निर्माण पूरा नहीं हो पाया। 2020 में त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में यह पुल का निर्माण पूरा हुआ और 8 नवम्बर 2020 को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस पुल का उद्घाटन किया था। इस पुल को बनाने में लगभग 3 करोड़ रूपये का खर्च आया। Dobra Chanti Bridge Pul


    भागीरथी नदी के ऊपर बने डोबरा-चांठी पुल भारत और उत्तराखण्ड का सबसे लम्बा सिंगल लेन मोटरेबल सस्पेंशन पुल है। पुल की लम्बाई 725 मीटर है, जिसमें झूला पुल 440 मीटर है और पुल की चैड़ाई सात मीटर है जिसमें साढ़े पांच मीटर पर वाहन चलते है। शेष डेढ़ मीटर पर पुल के दोनों तरफ 75-75 सेंटीमीटर फुटपाथ बनाये गये है। पुल के दोनों किनारों पर 58 - 58 मीटर के ऊँचे टाॅवर बनाये गये है। समुद्र तल से इसकी ऊँचाई 850 मीटर है। Dobra Chanti Bridge Length


    Dobra-Chanti Bridge Uttarakhand

    डोबरा-चांठी पुल को पर्यटन के हिसाब से भी एक अच्छा आकर्षण का केन्द्र बनाया गया है। इस पुल को आधुनिक तकनीक लाइट्स से सजाया गया है जो रात के समय काफी खूबसूरत दिखाई पड़ता है। यह देश का पहला ऐसा झूला पुल है जिसमें भारी वाहन भी चल सकते हैं। वाहनों के भार को कंट्रोल करने के लिए पुल के दोनों तरफ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगाई है। यदि साढ़े 15 टन से अधिक वजन होगा, तो उसे लौटाया जाएगा। साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे, स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं।


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