भली तेरी जन्म भूमि कुमाऊँ पहाड़ा
के भल देखनी इति गध्यार यूँ गाड़ा
पर्वत बन मज बुरूशी फूलिछन
दूर देष जई बेरा बड़ी याद औंछा भली मेरी....
पारै भ्योव सुण-सुण बिणई बाजीं छ
पहाड़ों कि याद तब केलजी छेड़िछा भली मेरी
कांसें थाली जूठी रैगे हरिया सागै की
हिरदै बाटुयी लागो पहाड़ै याद की
क्य भल रंगिलौं हौंछा हुड़किया बौला। भली मेरी