Folk Songs


    क्या दिन क्या रात हेजी हो

    क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात
    कैन न नि बिंगी कैन नि जाणी मेरा मन की बात हे जी... हो
    मेरा मन की बात हे जी... हो

    क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात
    झूरी-झूरी पिंगली ह्वेगे हरी भरी गात हे जी... हो
    हरी भरी गात हेजी... हो

    उन त मर्जी चा तेरी समली ले की भूली जा तोड़ी करार जाणु छै
    जैली पर कबूली जा-जैली पर कबूली जा
    बांज कु बगोट हेजी हो बंजा कु बगोट
    देखि याली पछ्याणी भी याली तेरी नज़र कु खोट हे जी... हो

    फूलु माँ देख ऐगेनि भौरा ये बरस भी
    तेरी मयाली माया कु
    जिकुड़ी तरसिगी जिकुड़ी-जिकुड़ी तरसिगी जिकुड़ी
    बाँजा कु बगोट हेजी हो-बाँजा कु बगोट
    बाला मनसी साची माया मा तिन क्या पायी खोट हे जी... हो

    ऐसो बस्ग्याल फिर कुयेड़ी लौकली
    आँखी रोली दणमण जिकुड़ी यकुली डौरली-जिकुड़ी यकुली डौरली
    लांबी ह्यूंदै रात हेजी हो-लांबी ह्यूंदै रात
    खुदे-खुदे की पट मोरी जौलु छोड़ी न दे या साथ हे जी... हो

    मेरा ही समणी बैठी रा कुछ न कैर कखी न जा
    माया खौला माया लौला मायादार छुई लगा-मायादार छुई लगा
    लांबी ह्यूंदै रात हेजी हो-लांबी ह्यूंदै रात
    माटा मा मिली जाली काया तौभी नि छोड़ू साथ हे जी... हो

    क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात
    झूरी-झूरी पिंगली ह्वेगे हरी भरी गात हे जी... हो
    हरी भरी गात हे जी... हो

    क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात
    कैन न नि बिंगी कैन नि जाणी मेरा मन की बात हे जी... हो
    मेरा मन की बात हे जी... हो
    उत्तराखंडी गीत है
    क्या दिन क्या रात हेजी हो

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