रंग की गागर सिर में धरे आज कन्हैया रंग हरै II2II देखो, आज कन्हैया रंग हरै II1II होली, खेलि - खाली मथुरा को चलै, आज कन्हैया ।। नङरा निशाना साथ चलै, आज कन्हैया ।। ढोलक मंजीरा साथ चलै, आज कन्हैया ।। अबीर को पात अस्मान उड़ै, आज कन्हैया ।।
सिद्धि को दाता विघ्न विनाशन होली खेले गिरजापति नन्द...
कैले बांधी चीर, हो रघुनन्दन राजा। कैले बांधी गणपति ब...
शिव के मन माहि बसे काशी आधी काशी में बामन बनिया, आधी...
उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि
देवी भगवती मैया कोटगाड़ी की देवी मैया देवी भगवती मैय...
सुन ले दगडिया बात सूड़ी जा बात सूड़ी जा तू मेरी, हिरदी...
जल कैसे भरूं जमुना गहरी ठाड़ी भरूं राजा राम जी देखे। ...
हाँ हाँ हाँ मोहन गिरधारी। हाँ हाँ हाँ ऐसो अनाड़ी चुनर...
हरि धरे मुकुट खेले होली, सिर धरे मुकुट खेले होली-2, ...
गोरी गंगा भागरथी को क्या भलो रेवाड़, खोल दे माता खोल ...
जोगी आयो शहर में व्योपारी -२ अहा, इस व्योपारी को भूख...
भूली निजान आपुण देश, हुलार-उकाव डाना रंगीला, नाचनै छ...
देवदार अब उतने कहाँ मिलते है सहसा कभी आता था पहाड़ , ...
ध्वनियों से अक्षर ले आना- क्या कहने हैं। अक्षर से ध्...
टेपुलिया राया, छनमन दाया, चंवली को साया, टादि गड़ो बा...
जहाँ न बस्ता कंधा तोड़े, ऐसा हो स्कूल हमारा, जहाँ न प...
रंग चंगिलो देवर घर एरौछ । मेरो ननानो देवर घर एरौछ । ...
अब छाया में गुंजन होगा, वन में फूल खिलेगे दिशा दिशा ...