ओह शिखर डाना घामा आगेछो , छोड़ दे भीना मेरी धमेली - चांचरी
यह चांचरी बागेश्वर जिले के कपकोट क्षेत्र के अंतर्गत शिखर - भनार गांव के क्षेत्रों में गाई जाती है। इस क्षेत्र की सबसे ऊपर चोटी (जिसे शिखर कहा जाता है,) में भगवान मूल नारायण का पवित्र धाम है |
महिलाये -
ओह शिखर डाना घामा आगेछो
छोड़ दे भीना मेरी धमेली
पुरुष :
घाम छाडी बरखा हेजो
कसकी छोडो तेरी धमेली
महिलाये -
ओह शिखर डाना घामा आगेछो
छोड़ दे भीना मेरी धमेली
पुरुष :
घाम छाडी बरखा हेजो
कसकी छोडो तेरी धमेली
महिला :
सास देखली, सौर देखला
छोड़ दे भीना मेरी धमेली
महिला :
को देखला काली पातल
कासी के छड़ो तेरी धमेली
महिला :
स्वामी मेरो परदेश
छोड़ दे भीना मेरी धमेली
पुरुष :
ओह तेरी दीदी रिसा रेछो
कसीकी छोडो तेरी धमेली
महिला :
आसमान में काली बादल
छोड़ दे भीना मेरी धमेली
पुरुष :
म्यार करमा यस छाना
कसी छोडो तेरी धमेली
महिला :
आसमान में काली बादल
छोड़ दे भीना मेरी धमेली
पुरुष :
म्यार करमा यस छाना
कसी छोडो तेरी धमेली
पुरुष :
कैके दियो में दोष साली
कसी के छोडो तेरी धमेली
महिला :
ओह धरती पड़ी ओस
भीना छोड़ दे भीना तेरी धमेली
पुरुष :
कैके दियो में दोष साली
कसी के छोडो तेरी धमेली
महिला :
सनगाड़ कौतिक आये
छोड़ दे भीना तेरी धमेली
पुरष :
ओह तयार सौरासी आयी रुला
कसकी थामुल, तयार धमेली
महिला :
झोड़ चाचरी गैना भीना
छोड़ दे भीना तेरी धमेली
पुरष :
ओह तयार सौरासी आयी रुला
कसकी थामुल, त्यार धमेली
महिला :
झोड़ चाचरी गैना भीना
छोड़ दे भीना तेरी धमेली
पुरष :
ओह मै पड़ेली मार साली
कसकी छोड़ त्यार धमेली
महिलाये -
ओह शिखर डाना घामा आगेछो
छोड़ दे भीना मेरी धमेली
पुरुष :
घाम छाडी बरखा हेजो
कसकी छोडो तेरी धमेली