आसन कंजर्वेशन रिजर्व को 21- 7- 2020 ( Date of Declaration in RAMSAR Wetland Sites ) को रामसर कन्वेंशन साइट की सूची में शामिल कर लिया गया है। इस तरह यह भारत का 38वां वेटलैंड ( नमभूमि क्षेत्र ) तथा उत्तराखण्ड का पहला रामसर स्थल बन चुका है। आसन कंजर्वेशन रिजर्व उत्तराखण्ड के देहरादून जिले में स्थित है। देहरादून के विकासनगर तहसील मुख्यालय से लगभग 15 किमी. की दूरी पर स्थित आसन झील जिसे ढालीपुर झील भी कहा जाता है , प्रवासी पक्षीयों का प्रवास केन्द्र है। यहां लगभ हर साल विभिन्न प्रकार के विदेशी प्रजातियों के पक्षी अक्टूबर से मार्च तक प्रवास हेतु पहुंचते हैं। यह भूभाग 444.40 हेक्टेयर के भूभाग में फैला है। आसन बांध हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड की सीमा पर यमुना के पूर्वी भाग और आसन नदी के संगम पर बना है। यह क्षेत्र बर्ड वांचिंग के लिए काफी मशहूर है। आसन कंजर्वेशन रिजर्व 14 अगस्त 2005 को तत्कालीन राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा उद्द्याटन किया गया था।
आसन वेटलैंड को 2011 से रामसर सूची में लाने के प्रयास शुरू कर दिये गये थे। रामसर साइट घोषित किये जाने वाले 9 मानदण्डों में से पांच मानदण्ड पूरा करने के पश्चात इसे वेटलैण्ड के रूप में पहचान मिली। दक्षिण एशिया में सबसे अधिक वेटलैंड भारत में है।
रामसर कनवेंशन क्या है ?
रामसर संधि एक विश्वस्तरीय प्रयास है नम भूमि के संरक्षण के लिए। इसका मुख्य उद्देश्य आद्रभूमि व पक्षियों के संरक्षण हेतु कार्य करना है। विश्व के कई देशों के बीच 2 फरवरी 1971 को ईरान के कैस्पियन सागर के तट पर स्थित रामसर शहर में इस समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। भारत 1 फरवरी ,1982 में इस समझौते पर हस्ताक्षर करके इसमें शामिल हुआ था।
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