मडुवे की रोटी (लेसू रोटी) | |
सामग्री (पाँच व्यक्तियों के लिए) | |
मडुवे का आटा: | 400 ग्राम |
गेहूँ का आटा: | 750 ग्राम |
विधि
मडुवा व गेहूँ के आटे को अलग-अलग छान कर अलग-अलग गूँदते हैं। गेहूँ के आटे की छोटी-छोटी लोइयाँ बनाकर उन्हें थोड़ा बेलते हैं और उनके बीच में मडुवे की लोई भरते हैं। फिर इन लोइयों को थोड़ा बड़ा करके उन्हें गेहूँ का सूखा आटा लगाकर बेलते हैं और तवे में दोनों तरफ सेककर चूल्हे की आँच पर सेक लेते हैं। गरमागरम परोसने हेतु लेसू रोटी तैयार हो जाती है।
कब-कब खाया जाता है
गरम होने के कारण सर्दी और बरसात के मौसम में अधिक खायी जाती है।
स्वाद
स्वाद में सादा (फीका) होती है।
औषधीय गुण
यह रोटी पौष्टिकता से भरपूर और तासीर में गरम होती है। खाँसी कम करती है और बलगम निकालती है। इसमें कैल्शियम अधिक होता है अतः कैल्शियम की कमी के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द को भी कम करती है। अन्य लाभः मडुवे को उबालकर छान लेते हैं और उसमें बतासा डालकर बच्चों को पिलाते हैं। यह घुट्टी का काम करता है।
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