नौलखिया पाण्डे (जीवनावधिः 18वीं सदी का मध्य): पाटिया गाँव, अल्मोड़ा। नौलाखिया पाण्डे नाम लोक गायक सकराम पाण्डे और इतिहासकार मधुसूदन पाण्डे बताते हैं। लोक गाथाओं के अनुसार मधुसूदन पाण्डे ने पाटिया गाँव में नौ लाख रुपयों की लागत से एक विशाल भवन बनवाया था। कुमाऊँ के कुछ प्रसिद्ध विद्वानों और इतिहासकारों के अनुसार इस महल का निर्माण काल 1773 के आसपास रहा। यह महल बड़ा चर्चित एवं भव्य था। 1933 में पण्डित जवाहर लाल नेहरू खाली इस्टेट (बिन्सर) से नौलखा भवन (महल) देखने गए थे। उन्होंने महल के 'रंगशाला वाले भाग' को बहुत सराहा। उसमें अति सुन्दर चित्ताकर्षक कलाकृतियां बनी थीं। उस समय कुमाऊँ में राजा दीपचन्द का शासन था। राजा दीपचन्द के पुत्र कल्याण चन्द को मधुसूदन पाण्डे और रूपसिंह तड़ागी के षड़यंत्र का शिकार होना पड़ा था। कांगड़ा राज दरबार में उल्लिखित विवरण के अनुसार मधुसूदन पाण्डे ने उन्हें मरवाया और दूसरी रानी के पुत्र मोहन सिंह रौतेला को राजा बनवाया। मधुसूदन पाण्डे की कोई सन्तान नहीं थी। माल (माल भाबर) के नौलखा क्षेत्र का राजस्व अधिकारी होने के कारण मधुसूदन पाण्डे को लोग नौलखिया पाण्डे कहा करते थे। 1974 के आसपास मधुसूदन पाण्डे के किसी वंशज ने ही नौलखा महल में आग लगा दी थी।
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