देवकी महरा | |
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जन्म | 26 मई, 1937 |
जन्म स्थान | ग्राम- कठोली (जलना, लमगड़ा), अल्मोड़ा |
पिता | श्री शिवदत्त त्रिपाठी |
माता | श्रीमती बसंती देवी |
पति | श्री यशपाल महरा |
बच्चे | तीन (भूपेन्द्र, राजेन्द्र, महेन्द्र) |
उपनाम | कुमाउनी भाषा की महादेवी, कुमाऊं कोकिला |
देवकी महरा का नाम कुमाउनी कवियों में काफी ऊपर लिया जाता है। इन्हें "कुमाउनी भाषा की महादेवी" भी कहा जाता है। अपनी सुरीली आवाज में कविता पाठन करने के कारण उन्हें "कुमाऊँ कोकिला" भी कहा जाता है। कुमाउनी के साथ-साथ वे हिंदी में भी रचनाएँ लिखती है।
देवकी महरा का जन्म 26 मई 1937 में उनके माकोट (ननीहाल) में हुआ। देवकी महरा अपने माता-पिता की पहली संतान है इसके अलावा उनकी तीन बहनें और एक भाई भी है। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा पैतृक गांव में ही हुई, बाद में उन्होनें अपने पिता के साथ अल्मोड़ा आकर आगे की पढ़़ाई की। 17 साल की उम्र में इनका चयन बी.टी.सी. के लिए हो गया जिसके बाद 1958 में कौसानी के प्राइमरी पाठशाला में इनकी नौकरी लग गई। यशपाल महरा के साथ इनका प्रेम विवाह हुआ था। नौकरी के साथ-साथ वे अपनी आगे की पढ़ाई भी करती रही। उन्होनें 1962 में हाईस्कूल, 1964 में इंटर किया। 1977 में बी.ए. उसके बाद हिंदी से एम.ए. किया।
देवकी महरा बचपन से ही गीत, कविता लिखा करती थी। कौसानी में अक्सर वे सुमित्रानंदन पंत से मिला करती थी और उन्हें अपनी रचनाएँ सुनाया करती थी। पंत जी के प्रोत्साहन से उन्हें लिखने की प्रेरणा मिलती रही। नौकरी, परिवार के साथ साथ वे लिखती भी रही और समय-समय पर उनकी रचनाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में छपती रही इसके अलावा आकाशवाणी लखनऊ, आकाशवाणी अल्मोड़ा से भी इनकी रचनाएं प्रसारित होती रही। दूरदर्शन लखनऊ से भी इनकी रचनाएं प्रसारित हुई है। कुमाउनी में अतुकांत कविता लेखन शुरुआत भी इन्हीं की मानी जाती है।
इनकी रचनाएँ
• निशास (कुमाउनी कविता संग्रह)
• पराण पुंतुर (कुमाउनी कविता संग्रह)
• अशोक वाटिका में सीता (हिंदी खंडकाव्य)
• प्रेमांजलि (हिंदी काव्य संग्रह)
• स्वाति (हिंदी काव्य संग्रह)
• नवजागृति (हिंदी काव्य संग्रह)
• आखिरी पड़ाव (हिंदी उपन्यास)
पुरस्कार
•1984 में 'सुमित्रानंदन पंत पुरस्कार' हिंदी संस्थान उ.प्र. द्वारा
• 1986 में 'कुमाऊँ गौरव' पर्वतीय साहित्य संस्थान दिल्ली द्वारा
• 1987 में 'शिक्षक सम्मान' आचार्य नरेंद्र देव निधि उ.प्र. द्वारा
• 2001 में 'उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान' राज्य संसाधन प्रौढ़ शिक्षा देहरादून द्वारा
• 2006 में 'वरिष्ठ साहित्यकार सम्मान' उत्तराखण्ड सरकार द्वारा
• 2007 में विद्या वारिधि प्रतिभा अवार्ड
• 2009 में 'कुमाउनी साहित्य सेवी सम्मान', कुमाउनी भाषा, साहित्य व संस्कृति प्रचार समिती कसारदेवी अल्मोड़ा
• 2009 में 'वसुंधरा साहित्य सम्मान' अंतर्राष्ट्रिय महिला दिवस उत्तराखण्ड
• 2011-12 में 'मौलाराम लोकभाषा सम्मान', लोकभाषा संस्थान, देहरादून
• 2013 में 'तीलू रौतेली पुरस्कार', उत्तराखण्ड सरकार द्वारा
• 2014 में मोहन उप्रेती लोक संस्कृति सम्मान
• 2016 में शेर सिंह बिष्ट 'अनपढ़' कुमाउनी कविता पुरस्कार, कुमाउनी भाषा, साहित्य व संस्कृति प्रचार समिती कसारदेवी अल्मोड़ा
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