पौंची या पौंछी या पौंजी दोनों हाथों की कलाइयों में पहना जाने वाला आभूषण है। यह विवाहित महिलाओं द्वारा मांगलिक कार्यों, त्योहारों में पहना जाता हैं। यह लाल व काले रंग के मखमल (वेल्वेट) के कपड़े पर शंकु आकार के दाने जो प्रायः सोने के होते हैं, पर बनाया जाता है। यह दाने 3 से 5 पंक्तियों की लड़िया होती है और इसमें औसतम 20 से 30 दाने होते है। पौंची विशेष तौर पर दुल्हन के श्रृंगार के आभूषणों में खास तौर पर रखा जाता हैं। कुमाऊँ में इसका चलन ज्यादा है। आज कल सोने की पौंची ज्यादा प्रचलन मे है पहले कुमाऊँ की ग्रामीण महिलाओं में चाँदी की पौंची का प्रचलन ज्यादा हुआ करता था। चाँदी से निर्मित दाने ठोस होते है और सोने से निर्मित दानों में लाख भरा जाता है। चाँदी की पौंची का वजन दो सौ ग्राम से पाँच सौ ग्राम तक होता है और चाँदी की पौंची में 40 से 60 दाने होते है।
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